हांगकांग : कोरोना संकट के लिए दुनिया के देशों के निशाने पर चल रहे चीन के लिए एक और बुरी खबर है। एक नए सर्वे में लोगों ने माना है कि इस देश ने कोरोना संकट से ठीक से नहीं निपटा। इस सर्वे में कोविड महामारी को लेकर लोगों में चीन के प्रति नाकारात्मक नजरिए सामने आया है। न्यूज चैनल सीएनएन ने पिउ रिसर्च की ओर से किए गए ताजा सर्वे का हवाला देते हुए मंगलवार को यह दावा किया।
जिनपिंग की प्रतिष्ठा में भी कमी आई
सर्वे के मुताबिक पिछले 12 महीने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रसूख में भी कमी आई है। अमेरिका में हुए सर्वे में शामिल 77 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें जिनपिंग में भरोसा नहीं है क्योंकि वह दुनिया के मामलों पर सही रुख अख्तियार नहीं करते। पिउ रिसर्च ने अपना यह सर्वे में 14 देशों में किया है। जून से अगस्त के बीच फोन पर हुए इस सर्वे में 14,276 लोग शामिल हुए। जिन देशों में यह सर्वे हुआ उनमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं।
चीन के प्रति नाकारात्मकता बढ़ी
सीएनएन के मुताबिक रिपोर्ट की को-ऑथर एवं पिउ की सीनियर रिसर्चर लौरा सिल्वर ने कहा, 'सर्वे में सबसे महत्वपूर्ण बात जो निकलकर आई है, वह है चीन के प्रति लोगों में बढ़ती नकारात्मकता और यह तेजी से बढ़ रही है। चीन के प्रति यह राय बनाने में एक अहम रोल कोविड-19 संकट से निपटने में उसका रवैया है। लोगों का मानना है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए उसकी तरफ से प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। 14 देशों के ज्यादातर लोगों ने चीन को लेकर अपना नाकारात्मक नजरिया पेश किया।' सिल्वर का कहना है कि फ्रांस, जापान और इटली को छोड़कर अन्य देशों में बीजिंग की प्रतिष्ठा अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
अन्य वजहों से भी चीन की साख घटी
जाहिर है कि कोरोना संकट ने चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाया है। सर्वे में शामिल 14 देशों के 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि चीन काफी खराब तरीके से कोरोना महामारी से निपटा। कोरोना के अलावा हांगकांग प्रदर्शनों पर चीन की कार्रवाई एवं उइगर मुस्लिमों पर उसके सख्त रुख से दुनिया में उसकी प्रतिष्ठा एवं साख में कमी आई है।
चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना महामारी
गत दिसंबर में चीन के वुहान प्रांत के हुबोई शहर से कोविड-19 महामारी के फैलने का दावा किया जाता है। रिपोर्टों में कहा गया है कि वुहान शहर के मीट मार्केट से इस महामारी की शुरुआत हुई। चीन पर आरोप लगाता है कि उसने इस महामारी को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए और इसके बारे में समय रहते दुनिया को जानकारी नहीं दी।