वाशिंगटन : चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के प्रति ज्यादती की कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं, जिनमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी दी जानेवाली यातनाओं का खुलासा किया गया है। अब उइगर्स के प्रति चीनी नीति को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि चीन सुनियोजित तरीके से उइगर्स की पहचान को खत्म करने में जुटा है।
यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय कानून, जनसंहार, युद्ध अपराध जैसे मामलों पर विशिष्ट जानकारी रखने वाले दुनियाभर के 50 से अधिक विशेषज्ञों ने तैयार की है। इसमें कहा गया है कि चीन ने अपने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के साथ जो रवैया अपना रखा है वह संयुक्त के जनसंहार कन्वेंशन के प्रावधानों का उल्लंघन करता है और इस संबंध में जो साक्ष्य हैं, वे शिनजियांग में चीन के खिलाफ 'जनसंहार' के आरोपों को पुष्ट करते हैं।
वॉशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी ने मंगलवार को यह रिपोर्ट जारी की। यह पहली बार है, जब किसी गैर-सरकारी संगठन ने चीन के शिनजियांग में 'जनसंहार' के आरोपों के कानूनी पहलुओं का विश्लेषण किया है। इसे इस मामले में पहली स्वतंत्र रिपोर्ट के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें अनुमान जताया गया है कि शिनजियांग में साल 2014 से ही कई कैंप बनाए गए हैं, जहां 10-20 लाख लोग कैद हैं। यहां इन कैंपों की संख्या करीब 1400 बताई गई है।
शिनजियांग में चीनी दमन को लेकर आई इस नई रिपोर्ट में 'उपलब्ध साक्ष्यों' के आधार पर चीन को संयुक्त राष्ट्र के जनसंहार कन्वेंशन के अनुच्छेद-2 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और कहा गया है कि यहां यह सब तक जारी रहने वाला है, जब तक कि उइगर के साथ-साथ अन्य अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय समुदाय से जुड़ी पहचान पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती।
रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग में चीन की योजना वहां रहने वाले उइगर व अन्य मुस्लिम समुदायों को उनकी जड़ों से काट देने की है। चीन हालांकि लगातार इन आरोपों से इनकार करता रहा है। शिनजियांग के कैंपों को वह सुधार गृह बताता है और कहता है यहां उइगर्स को इसलिए रखा जाता है, ताकि उन्हें धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद से बचाया जा सके। अभी 4 फरवरी को ही चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शिनजियांग में 'जनसंहार के आरोपों को 'चीन विरोधी ताकतों' द्वारा फैलाया जाने वाला 'सदी का झूठ' करार दिया था।