बीजिंग : कभी एशिया के सबसे धनी व्यक्ति के तौर पर पहचाने जाने वाले चीन के अरबपति कारोबारी जैक मा को लेकर बीते कुछ दिनों में कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं। उनके कारोबार में लगातार गिरावट दर्ज की गई है तो उनके 'गुमशुदा' होने की रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि वह गुमशुदा नहीं हैं, बल्कि वह कुछ समय के लिए बस सार्वजनिक जीवन से दूर हैं।
ऐसी अटकलों को 'वाल स्ट्रीट जर्नल' की उस रिपोर्ट से बल मिला, जिसमें कहा गया कि बीते साल अक्टूबर में एक मंच से चीन के राष्ट्रपति की आलोचना किए जाने के बाद से वह गायब हैं। इन सबके बीच जैक मा को लेकर एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है, जिसके मुताबिक चीन वास्तव में जैक से अपनी कंपनी के यूजर्स के डेटा चाहता है और चीनी प्रशासन के साथ उनका टकराव इसी बात को लेकर है।
'वाल स्ट्रीट जर्नल' की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी नियामक लगातार कोशिश कर रहे हैं कि जैक मा अपने विशाल वित्तीय-प्रौद्योगिकी कंपनी के माध्यम से एकत्र किए यूजर-क्रेडिट डेटा को को उससे साझा करे। इसके लिए चाइनीज टेक जाइंट पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। दरअसल, चीन की चिंता कोरोना वायरस संक्रमण के बाद देश में पैदा हुई वित्तीय संकट को नियंत्रित करने की है और उसे लगता है कि इसमें जैक मा की कंपनी का डेटा मददगार साबित हो सकता है।
बताया जा रहा है कि जैक मा ने जब चीनी नियामकों के साथ कंज्यूमर डेटा शेयर करने से मना कर दिया तो शी जिनपिंग की अगुवाई वाली प्रशासन उनसे नाराज हो गया और उन्होंने जैक मा तथा उनकी कंपनी के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया। इसका असर उनके कारोबार पर भी देखा जा रहा है, जिसमें बीते दो महीनों में बड़ी गिरावट देखी गई है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स की एक रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया, जिसके मुताबिक, अक्टूबर में जहां उनके कारोबार का नेटवर्थ 61.7 अरब डॉलर था, वहीं यह घटकर अब 51.2 अरब डॉलर हो गया है। इस तरह बीते दो महीनों में उनके कारोबार में 10 अरब डॉलर से भी अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
माना जा रहा है कि इसी कार्रवाई के चलते चीन की बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार अलीबाबा के संस्थापक जैक मा के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है और उन्हें नजरबंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से वह सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आ रहे हैं।