वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजने का अनुरोध किया है। दरअसल, भारत ने हाल ही में इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अमेरिका ने इस दवा का ऑर्डर दिया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात की और उनसे मलेरिया के इलाज में दशकों से इस्तेमाल की जाने वाली और किफायती दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जारी करने का अनुरोध किया।
निर्यात पर भारत ने लगा दी थी रोक
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैंने आज सुबह भारत के प्रधानमंत्री को फोन किया। वे बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं। भारत इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी लेकिन कहा था कि कुछ भंडार को मानवीय आधार पर भेजने की अनुमति दी जा सकती है। मलेरिया की इस दवा का इस्तेमाल अब कई जगह कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में किया जा रहा है।
अमेरिका में 3,00,000 मामले
अमेरिका में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 3,00,000 हो गई है और देश में 8,100 से ज्यादा लोग इस संक्रमण के कारण जान गंवा चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों पर नजर रख रहे बाल्टीमोर स्थित जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय ने शनिवार को ये आंकड़ें दिए। उसने बताया कि अमेरिका में संक्रमण के कम से कम 3,00,915 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 8,162 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका में 2,00,000 लोगों के मारे जाने का अनुमान
गौर हो कि कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस कार्यबल ने अगले दो महीनों में अमेरिका में 1,00,000 से 2,00,000 लोगों के मारे जाने का अनुमान जताया है। हालांकि, अधिकारी सामाजिक दूरी और घर पर रहने समेत सख्त नियमों को लागू करके इस भयावह मंजर से बचने की उम्मीद कर रहे हैं। शनिवार की अमेरिका की तकरीबन 90 प्रतिशत आबादी अपने घरों में सिमटी रही। न्यूयॉर्क शहर और उसके आसपास के न्यू जर्सी और कनेक्टिकट जैसे इलाके देश में कोविड-19 का केंद्र बनकर उभरे हैं।