'ऐसा लगा नरक का दरवाजा खटखटा रहा हूं'- कोरोना वायरस के मरीज ने बयां किया भयानक दर्द

Corona patient Story: कोरोना वायरस उसके फेफड़ों तक पहुंच चुका था, खांसी आती तो लगता कि जान निकल रही है। बुखार के साथ दर्द भी बढ़ता जा रहा था।

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कोरोना वायरस (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली: चीन के वुहान शहर में 21 साल का छात्र टाइगर रे जो मौत के दरवाजे से लौटकर वापस आया है। उसे लगता था कि वह मरने वाला है लेकिन फिर भी सांसें चलती रहीं और वह इतने भयानक दर्द से होकर गुजरा जिसकी कल्पना भी रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है। कोरोना वायरस से संक्रमण, ईलाज से लेकर पुलिस की नजरों में रहने तक उसने अपनी पूरी कहानी बताई है और इसे कहते उसकी एक बात भयावह दर्द को बयां करती है। टाइगर ने कहा- 'ऐसा लगा कि मैंने नरक का दरवाजा खटखटा रहा हूं।'

अब तक चीन में कोरोना वायरस की वजह से करीब 1700 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 70 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। मौत के ये वायरस चीन और पूरी दुनिया में तेजी से अपने पैर पसारता जा रहा है। टाइगर ने बताया कि संक्रमण के बाद कोरोना वायरस से ईलाज से होकर गुजरने का उसका अनुभव किसी भयानक सपने की तरह था। कई बार अस्पताल में भी जांच के दौरान उसके संक्रमित  होने की पुष्टि नहीं हो सकी और पता तब चला जब संक्रमण फेफड़े तक पहुंच चुका था।

अचानक आया तेज बुखार: बात शुरु होती है 21 जनवरी से टाइगर को अचानक बुखार आ गया और उसके शरीर का तापमान लगातार बढ़ता चला जा रहा था। लगातार हालत खराब होने के बाद उसे एक प्रतिष्ठित अस्पताल टॉन्गी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां चांच के लिए लंबी लाइन मौजूद थी और इंतजार करने के आलावा उसके पास कोई चारा नहीं था।

खांसी आती तो लगता जान निकल रही है: डॉक्टरों ने अस्पताल से टाइगर को यह कहकर भेज दिया कि उसमें कोरोना वायरस से संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। वह पास के अस्पताल से सामान्य दवा लेकर लौट गया लेकिन हालत लगातार बिगड़ती रही। दर्द बहुत बढ़ चुका था और खांसी आती तो लगता कि उसकी जान निकलने वाली है।

फेफड़ों तक पहुंचा वायरस: टाइगर के पिता एक हेल्थ वर्कर थे और कोरोना वायरस से लोगों की जागरुकता के लिए काम कर रहे थे। टाइगर को एक बार फिर अस्पताल ले जाया गया जहां उसका सीटी स्कैन करने पर पता चला कि वायरस उसके फेफड़ों तक पहुंच चुका है। इसके बाद भाई- बहन में भी ऐसे ही लक्षण नजर आने लगे। टाइगर ने कहा, 'मुझे लगा कि मैं नरक का दरवाजा खटखटा रहा हूं और मौत बेहद करीब आ चुकी है।'

उसका बुखार 102 डिग्री को पार कर गया और इसके लिए उसे एड्स पीड़ितों की दी जाने वाली कलेट्रा नाम की कॉम्बिनेशन ड्रग दी गई। धीरे धीरे बुखार कम हुआ और लगातार इलाज के बाद हालत में सुधार होने लगा। पांच दिन तक उसे एंटी वायरल एलुवाया ड्रग भी दिया गया।

इसके बाद एक न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया गया रिपोर्ट निगेटिव आई। अब टाइगर को वायरस से खतरा नहीं था। अधिकारियों ने उसे एक होटल में ठहराया और एक गार्ड भी तैनात किया ताकि वह पूरी तरह ठीक होने तक किसी से मिल सके। बकौल टाइगर वह कोरोना वायरस के भयानक अनुभव को जिंदगी भर नहीं भूलेगा।

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