नई दिल्ली: चीन में घातक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 800 पार हो गई है और इसके संक्रमण के 37,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके प्रकोप ने दुनियाभर में 37,500 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लिया है। इसका असर अब शहरों पर भी दिखने लगा है। हमेशा व्यस्त रहने वाले चीनी शहर भुतहा होने लगे हैं। बीजिंग में लोग मास्क लगाए और हाथ में सैनेटाइजर लिए हुए दिखाई दे रहे हैं।
2 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले शहर बीजिंग की सड़कें खाली हैं और पार्क इतने शांत हैं कि केवल पक्षियों के चहकने की आवाज है। ये स्थिति सिर्फ बीजिंग में ही नहीं है। चीन के फाइनेंशिल हब शंघाई समेत अन्य शहर भी भुतहा शहरों में बदल गए हैं। दरअसल, सरकार ने छुट्टी बढ़ा दी और लोगों को कोरोनोवायरस के कारण बाहर नहीं जाने के लिए कहा है।
कुछ ही लोग से बाहर आने की हिम्मत दिखा पा रहे हैं। बीजिंग के फॉरविडन सिटी के जिंगशान पार्क का एक सुरक्षा गार्ड कहता है कि दुर्लभ बर्फबारी के बाद भी पर्यटकों की संख्या सामान्य से एक तिहाई कम थी।
महामारी की वजह से दुकानों, बार और रेस्तरां सहित व्यवसाय को भारी नुकसान पहुंचा है, क्योंकि सरकार ने कोरोवायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास में सामूहिक समारोहों और यहां तक कि समूह भोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकान ने उन सभी चीजों पर रोक लगा दी है, जिसमें भीड़ जुटती है। ये सभी कदम एहतियातन के तौर पर उठाए जा रहे हैं। चीन के इन शहरों में जहां अक्सर हर जगह भीड़ दिखाई देती थी वो अब खाली-खाली दिखाई देते हैं।
चीन का वुहान शहर इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। चीन युद्धस्तर पर इस वायरस से लड़ रहा है। चीनी सरकार ने वुहान में सात दिन के अंतराल में दूसरा नया अस्पताल बना डाला। इससे पहले भी 10 दिनों के भीतर वुहान में एक विशाल अस्पताल का निर्माण किया गया था। इस जानलेवा वायरस का असर पूरी दुनिया पर दिखने लगा है। यही कारण है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।