नई दिल्ली : कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में दहशत फैली हुई है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ ये खतरनाक वायरस अब पड़ोसी देशों में भी अपने पैर पसार चुका है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन इसे पहले ही ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर घोषित कर चुका है। WHO की हालिया रिपोर्ट में एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की लगभग दो तिहाई आबादी खतरनाक कोरोना वायरस की चपेट में है।
केवल चीन में ही एस खतरनाक वायरस के चलते मरने वालों की संख्या करीब 1500 तक पहुंच चुकी है जबकि इससे लगभग 60,000 लोग संक्रमित बताए जा रहे हैं। कोरोना का असर ऐसा है कि केवल बुधवार को ही इससे मरने वालों की संख्या 242 थी। दुनिया भर में डॉक्टर और रिसर्चर इसके स्थायी इलाज की तलाश कर रहे हैं। इसी बीच वुहान से एक उम्मीद की किरण सामने आ रही है।
वुहान के एक्सपर्ट का दावा
चीन के वुहान शहर के एक मेडिकल एक्सपर्ट ने इस बीमारी से बचने के लिए एक नई तकनीक का इजाद किया है। उन्होंने इस वायरस से मुक्त हो चुके लोगों का इस्तेमाल संक्रमित लोगों के इलाज के लिए करने की तकनीक का इजाद किया है। कोरोना वायरस से मुक्त हो चुके लोगों से प्लाज्मा को डोनेट करने की मांग की गई है। एक्सपर्ट का दावा है कि उनके प्लाज्मा को वायरस से संक्रमित मरीजों में ट्रांसफर कर उनमें एंटीबॉडी का निर्माण किया जाएगा।
ठीक हुए मरीजों के प्लाज्मा से किया जा रहा इलाज
वुहान जिनिन्टन अस्पताल के प्रमुख झांग डिंगयू के मुताबिक स्वस्थ हो चुके लोगों के शरीर में मौजूद प्लाज्मा में बड़ी मात्रा में एंटीबॉडीज पाया गया है। शुरुआती जांच में ये पता चला है कि उनके प्लाज्मा की मदद से कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों से अपने ब्लड डोनेट करने की अपील की है।
12 से 24 घंटों के भीतर दिखा असर
उन्होंने स्थानीय सोशल मीडिया नेटवर्क वीचैट में ये कहा है कि उन्होंने स्पेशल इम्यून प्लाज्मा प्रोडक्ट की निर्माण किया है जिसका इस्तेमाल वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 10 मरीजों का इस तकनीक के जरिए इलाज किया गया जिसके बाद 12 से 24 घंटों के भीतर उनमें काफी सुधार दिखा।
लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील
उनका दावा है कि नए मरीजों में बनने वाले एंटीबॉडी वायरस को मारने में सक्षम होते हैं। प्लाज्मा थेरेपी वर्तमान में काफी असरकारक साबित होती नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि शंघाई में 28 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया जिसमें से 6 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट करने का मन बनाया है। इसके शर्तों के बारे में उन्होंने बताया कि प्लाज्मा डोनर सबसे पहले पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए। दूसरी बात ये है कि जह जबरन किसी से प्लाज्मा डोनेट नहीं करना सकते हैं।