वाशिंगटन/बीजिंग : कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चीन हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है। उस पर आरोप लगता रहा है कि उसने इस घातक संक्रामक रोग को पहले गंभीरता से नहीं लिया और इसलिए इसे लेकर पहले एहतियाती कदम नहीं उठाए गए। चीन पर समय रहते इसके बारे में दुनिया को सूचना नहीं देने का आरोप भी लगा है, जिसके कारण इसने देखते ही देखते दुनिया के कई देशों में पैर पसार लिए। इन सबके बीच एक और रिपोर्ट सामने आई है, जो पूरे मामले में चीन को फिर से सवालों के घेरे में खड़ा करती है।
यह रिपोर्ट यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना एंड इलुमिना के रिसर्चर्स ने तैयार की है, जिसमें कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2019 को जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट किया, उससे करीब दो महीने पहले ही यह महामारी चीन के वुहान में फैल चुकी थी, जिसके बारे में समझा जाता है कि कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति यहीं से हुई। यह शोध रिपोर्ट 18 मार्च को 'साइंस' पत्रिका के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुई है, जिसने चीन को लेकर सवाल उठाया है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, वुहान में कोविड-19 का पहला मामला आधिकारिक तौर पर सामने आने से करीब दो महीने पहले ही यह चीन के हुबेई प्रांत में फैल चुका था। वुहान चीन के हुबेई प्रांत में ही है, जहां सबसे पहले कोविड-19 का केस आने के बाद लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई थी। रिसर्चर्स का कहना है कि उन्होंने तीन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए पूरा शोध किया। हमने लॉकडाउन से पहले वुहान में कोविड-19 फैलने को लेकर विस्तृत जानकारी हासिल की। चीन में वायरस के जीन को लेकर भी अध्ययन किया और यहां पहले आए ऐसे केस की पड़ताल की।
कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक दुनियाभर में 27.17 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि संक्रमण के 12.31 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं। इस महामारी ने सर्वाधिक तबाही अमेरिका में मचाई है, जहां कोविड-19 से 5.54 लाख से अधिक लोगों ने जान गंवाई है, जबकि संक्रमण के केस 3.04 करोड़ से अधिक हैं।
इस घातक संक्रामक रोग से बचाव के लिए विगत कुछ दिनों में दुनिया के विभिन्न देशों में टीकाकरण की प्रक्रिया भी शुरू हुई है। बीते कुछ समय में भारत सहित कई देशों में कोरोना के रोजाना के मामलों में कमी देखी जा रही थी, लेकिन विगत 10 दिनों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसने एक बार फिर इस बीमारी को लेकर चिंता बढ़ा दी है।