कुआलालंपुर: मलेशिया में कोरोना वायरस के नए किस्म का पता चला है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना की यह नई किस्म 10 गुना ज्यादा संक्रामक है। कोरोना के इस म्यूटेशन को दुनिया में डी 614जी नाम से जाना जाता रहा है। दरअसल, कोरोना के इस नए किस्म का संक्रमण भारत से लौटे एक रेस्तरां के मालिक सहित कम से कम तीन लोगों में पाया गया है। मलेशिया लौटने पर रेस्तरां के मालिक को 14 दिनों के क्वरंटाइन में रखा गया था लेकिन उसने क्वरंटाइम का समय पूरा नहीं किया। क्वरंटाइन का नियम तोड़ने के लिए इस व्यक्ति को जेल की सजा और जुर्माना दोनों हुआ है। यही नहीं, कोरोना का यह नया टाइप फिलिपींस से लौटे लोगों में भी पाया गया है।
'अब तक के अध्ययन बेअसर हो सकते हैं'
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक नूर हिशाम अब्दुल्ला का कहना है कि कोरोना की यह नई किस्म वैक्सीन पर जारी अध्ययनों को म्यूटेशन के खिलाफ अपूर्ण अथवा बेअसर साबित कर सकती है। यूरोप और अमेरिका में इस वायरस के म्यूटेशन की अधिकता देखी गई है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस बात का प्रमाण नहीं है कि यह नई किस्म गंभीर बीमारी को पैदा करती है। 'सेल प्रेस' में प्रकाशित एक पेपर में कहा गया है कि विकसित किए जा रहे टीकों पर इस वायरस का ज्यादा असर होने की संभावना कम है।
लोगों को सतर्क रहने की जरूरत
नूह हाशिम ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है, 'लोगों को इस नए किस्म के वायरस के बारे में सतर्क रहने की जरूरत है। चूंकि कोरोना की यह नई किस्म अब मलेशिया में पाई गई है इसलिए ज्यादा सावधानी बरते जाने की जरूरत है। इस म्यूटेशन से होने वाले संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए हमें लोगों के सहयोग की जरूरत है।' गौरतलब है कि मलेशिया ने मोटे तौर पर कोविड-19 के प्रकोप को दोबारा अपने यहां बड़े पैमाने पर पनपने नहीं दिया है लेकिन देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। मलेशिया में शनिवार को कोरोना के 26 नए केस मिले जबकि जुलाई में यह संख्या 28 थी। गत रविवार को यहां 25 केस मिले।