वाशिंगटन : दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए वैज्ञानिक इस घातक संक्रमण से बचाव के लिए टीका बनाने में जुटे हुए हैं। अमेरिका में वैज्ञानिकों ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए इस जानलेवा संक्रमण से बचाव के लिए विकसित वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण भी शुरू कर दिया है। यह इस तरह का पहला परीक्षण है, जो अमेरिका के सिएटल में हो रहा है। हालांकि यह अभी इसे परीक्षणों के कई दौर से गुजरना है, जिसके बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी कि यह कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में कारगर है या नहीं, पर इससे एक नई उम्मीद जरूर जगी है।
बाजार में कब आएगा टीका?
इंसानों पर वैक्सीन का यह परीक्षण अगर सफल रहता है तो भी बाजार में इसकी उपलब्धता अगले एक साल से 18 महीने बाद ही हो पाएगी। इस वैक्सीन को mRNA-1273 नाम दिया गया है, जिसे अमेरिका में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के वैज्ञानिकों और कैम्ब्रिज स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडेर्ना ने तैयार किया है। NIH के मुताबिक, इस ट्रायल में 45 स्वस्थ स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं, जिनकी उम्र 18 साल से लेकर 55 साल के बीच है। उन पर इस वैक्सीन का परीक्षण 6 सप्ताह के लिए किया जाएगा।
कोरोना वायरस से हो चुकी है 7 हजार मौतें
यहां उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में लगभग 7,000 मौतों का कारण बन चुके कोरोना वायरस से बचाव के लिए फिलहाल कोई टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है, जिससे दुनियाभर में 1,75,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान शहर से दिसंबर 2019 के आखिर में सामने आया था, जिसने दो माह के भीतर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। चीन के बाद इस घातक संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित देशों में इटली और ईरान हैं, जहां हजारों लोगों की जान इस घातक बीमारी से गई है।
चीन के बाद इटली सर्वाधिक प्रभावित
इटली में कोरोना वायरस से जान गंवानों की संख्या जहां 2,158 हो गई है, वहीं संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ कर 27,980 हो गई है। वहीं ईरान में इस जानलेवा संक्रमण के कारण 988 लोग दम तोड़ चुके हैं, जबकि संक्रमण के 16,169 मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, जबकि 14 प्रतिशत गंभीर और 5 प्रतिशत बेहद गंभीर होते हैं। जिन लोगों में संक्रमण हल्का होता है वे एक से दो सप्ताह में ठीक हो सकते हैं, जबकि गंभीर श्रेणी के मरीजों को ठीक होने में 6 या इससे अधिक सप्ताह लग सकते हैं।