वाशिंगटन : ह्वाइट हाउस छोड़ने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ बड़ा करना चाहते हैं। इसी क्रम में ट्रंप ने अफगानिस्तान और इराक में तैनात अमेरिकी जवानों की संख्या में कटौती करने का आदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने आदेश में पेंटागन को मध्य जनवरी तक अफगानिस्तान से 2500 सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है। ट्रंप के इस आदेश की जानकारी कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर ने दी।
इराक से भी अमेरिकी सैनिकों की होगी वापसी
'द हिल' की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय 15 जनवरी तक अफगानिस्तान में तैनात बलों की संख्या 4,500 से घटाकर 2,500 पर लाएगा। इसी तरह से इराक में यह संख्या 3,000 से घटाकर 2,500 पर लाई जाएगी। बताया जाता है कि 15 जनवरी के बाद ट्रंप ह्वाइट हाउस छोड़ देंगे। हालांकि, उन्होंने अमेरिकी चुनाव में अपनी हार नहीं मानी है। पेंटागन में मिलर ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैं औपचारिक रूप से घोषणा करता हूं कि हम अपने बलों को पुनर्स्थापन पर राष्ट्रपति ट्रंप के आदेशों को लागू करेंगे।'
रक्षा मंत्री मिलर ने दी जानकारी
मिलर का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा कैबिनेट के साथ पिछले कई महीने से जारी उनकी बातचीत का नतीजा है। मिलर ने बताया कि अमेरिकी सैन्य बलों की कटौती के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण नेताओं एवं विदेशी सहयोगियों एवं साझेदारों से बात की है। बता दें कि गत फरवरी में ट्रंप प्रशासन ने तालिबान के साथ एक करार किया था। इस करार में कहा गया कि तालिबान यदि अलकायदा को संरक्षण देना बंद कर देता है और आतंकविरोधी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करता है तो अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी पूरी फौज हटा लेगा।
अफगानिस्तान में रुके नहीं हैं तालिबान के हमले
हालांकि, इस करार पर सहमति बन जाने के बावजूद तालिबान अफगानिस्तान के बलों को निशाना बनाता रहा है जिसकी आलोचना अमेरिकी अधिकारी करते आए हैं। अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों में कटौती का यह फैसला ट्रंप द्वारा रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को हटाए जाने के कुछ दिनों बाद आया है। ट्रंप ने एस्पर की जगह मिलर को नया रक्षा मंत्री बनाया है।