नई दिल्ली। क्या कश्मीर पर अमेरिका के बयान को संजीदगी से लेने की जरूरत है। दरअसल जब कभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इमरान खान से मिलते हैं तो उन्हें मध्यस्थता की बात याद आ जाती है।पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापार के साथ अन्य मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं। इसके साथ ही हम लोगों के बीच कश्मीर के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव के स्तर पर भी चर्चा हुई। अमेरिका दक्षिण एशिया के हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है।
कश्मीर मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह बेहतर होता कि भारत और पाकिस्तान दोनों मिलकर इस समस्या को सुलझा लेते। जहां तक अमेरिका का सवाल है वो दोनों पक्षों की सहमति पर आगे बढ़ सकता है। हम यह मानते हैं कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता पूरे विश्व की बेहतरी के लिए जरूरी है। यह प्रामाणिक तथ्य है कि दोनों देश परमाणु संपन्न हैं लिहाजा भारत और पाकिस्तान की जिम्मेदारी के साथ साथ विश्व की भी यह जिम्मेदारी है इन दोनों मुल्कों में तनाव न बढ़े।