चीन को लेकर काफी सख्त हुए डोनाल्ड ट्रंप, कोरोना का पता लगाने के लिए भेजना चाहते हैं विशेषज्ञों की टीम

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Updated Apr 20, 2020 | 18:12 IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में पता लगाने के लिए अमेरिका विशेषज्ञों का एक दल चीन भेजना चाहता है।

Donald Trump
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  |  तस्वीर साभार: AP

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में पअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ता लगाने के लिए अमेरिका विशेषज्ञों का एक दल चीन भेजना चाहता है। इससे एक दिन पहले ही राष्ट्रपति चीन से कह चुके हैं कि अगर वह जानबूझकर इस वायरस को दुनिया भर में फैलाने के लिए जिम्मेदार पाया गया तो उसे ‘परिणाम’ भुगतने होंगे। इस वायरस से अब तक दुनिया भर में 165,000 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 41,000 अमेरिकी हैं।

रविवार को व्हाइट हाउस के संवाददाता सम्मेलन में कोरोना वायरस को प्लेग बताते हुए ट्रंप ने कहा कि वह चीन से खुश नहीं हैं। पिछले साल दिसंबर में चीन के मध्य शहर वुहान से यह महामारी उभरी थी। राष्ट्रपति ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने चीन से काफी पहले बात की थी कि वह बताए कि वहां क्या हो रहा है। हम वहां जाना चाहते हैं। हम यह देखना चाहते हैं कि वहां क्या चल रहा है। और हमें वहां नहीं बुलाया गया, मैं आपको यह बात बता सकता हूं।' उन्होंने कहा कि मैं व्यापार वार्ता से बेहद खुश था, बहुत खुश था और फिर हमें इस प्लेग के बारे में पता चला और मैं तब से खुश नहीं हूं।

अमेरिका ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की है कि कहीं यह खतरनाक वायरस वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान से तो ‘बाहर’ नहीं आया है। ट्रंप बार-बार कोरोना वायरस से निपटने के चीन के तरीकों पर निराशा जाहिर कर चुके हैं। वह यह कह चुके हैं कि इस संकट से निपटने में बीजिंग ने वाशिंगटन के साथ शुरुआत में न तो सहयोग किया और न ही पारदर्शिता बरती।

ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, 'जांच के आधार पर हम पता लगाने जा रहे हैं।' एक दिन पहले ही ट्रंप ने चीन को चेतावनी दी थी कि अगर वह इस वायरस को जानबूझकर फैलाने के लिए जिम्मेदार पाया गया तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे।

वहीं विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ट्रंप पर यह आरोप लगा रही है कि ट्रंप यह झूठा दावा कर रहे हैं कि उन्होंने चीन से आने जाने पर प्रतिबंध लगाकर जल्दी इस संबंध में कदम उठाए जबकि यह कदम उठाने में देर हो चुकी थी और वह फरवरी तक इस वायरस को कमतर आंकते रहे। अमेरिका में इस वायरस से सबसे ज्यादा न्यूयॉर्क प्रभावित है और यहां अब तक 17,600 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 2,42,000 मामले सामने आ चुके हैं।
 

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