वाशिंगटन : अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण की भयावह स्थिति के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार यहां गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दे रहे रहे हैं। इस मुद्दे पर उनका कोरोना संक्रमण से जूझ रहे कई राज्यों से सीधा टकराव दिख रहा है। अब अपने ऐसे ही एक आदेश के तहत राष्ट्रपति ट्रंप ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद यहां स्कूलों को फिर से खोलने का आदेश दिया है और ऐसा नहीं करने पर फंड रोकने की चेतावनी भी दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर यहां स्कूल नहीं खोले जाते हैं तो फंडिंग रोकी जा सकती है। उन्होंने स्कूलों को फिर से खोले जाने को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों की गाइडलाइंस को भी अव्यावहारिक और खर्चीला बताया। इसके लिए जर्मनी, डेनमार्क और नार्वे का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन देशों में कोरोना संक्रमण के बावजूद स्कूलों को फिर से खोला गया और वहां कोई खतरा नहीं है।
अमेरिका में कोरोना संकट के बीच अभी दोबारा स्कूल नहीं खोलने की पैरवी करने वालों को डेमोक्रेट समर्थक करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वे नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की वजह से नहीं चाहते कि यहां तब तक स्कूल खुले। लेकिन बच्चों और उनके परिवार के लिए स्कूलों का फिर से खुलना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर स्कूल दोबारा नहीं खोले जाते हैं तो उनकी फंडिंग रोकी जा सकती है।
राष्ट्रपति ट्रंप की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जबकि एक दिन पहले ही मंगलवार को स्वास्थ्य एवं शिक्षा अधिकारियों ने व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान जोर देकर कहा था कि स्कूलों को फिर से खोलने की जरूरत है और यह छात्रों के हित के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि घर में बैठे छात्रों के स्वास्थ्य को कोरोना संक्रमण के मुकाबले कहीं अधिक नुकसान हो सकता है।
अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने भी स्कूलों को फिर से खोलने का समर्थन किया है, लेकिन इसके लिए जो गाइडलाइंस बनाए गए हैं, वह ट्रंप को पसंद नहीं आया। उन्होंने इसे 'अव्यावहारिक व बेहद खर्चीला' करार देते हुए कहा कि वह इस बारे में अधिकारियों से बात करेंगे। इस बीच सीडीसी ने कहा है कि उनकी गाइडलाइंस महज अनुशंसा है। स्कूल खुद इस संबंध में अपनी गाइडलाइंस तय कर सकते हैं।