नई दिल्ली : यूक्रेन को लेकर रूस और यूरोपीय संघ के देशों के बीत तनाव बढ़ता जा रहा है। अब यूरोपीय संघ के नेताओं ने मास्को को चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस ने यदि यूक्रेन पर हमला किया तो उसे 'भारी कीमत' चुकानी पड़ेगी। यूक्रेन के ताजा हालात को लेकर गुरुवार को यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक के बाद 27 देशों के समूह की ओर से एक बयान जारी किया गया।
चरम पर पहुंच गया है रूस-यूक्रेन के बीच तनाव
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक बयान में कहा गया, 'यूक्रेन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के प्रति यूरोपीय संघ अपना समर्थन दोहराता है। इस देश के खिलाफ अगर कोई सैन्य कार्रवाई हुई तो उसके भयंकर दुष्परिणाम होंगे और रूस को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।' 2014 के बाद रूस और यूक्रेन के बीच तनाव सबसे चरम पर है। पश्चिमी देशों का मानना है कि यूक्रेन पर इस बार रूस पूरी तरह से हमला बोलने की तैयारी में है।
सीमा पर रूस ने भारी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं
यूक्रेन की सीमा पर रूस ने भारी संख्या में अपने हथियार एवं सैनिकों की तैनाती की है। रूस की तैयारी को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि मास्को जनवरी या उसके बाद यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रिपोर्टों में कहा गया है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर करीब 95,000 से 100,000 के बीच अपने सैनिक तैनात किए हैं। बैठक से पहले लिथुआनिया के राष्ट्रपति गितानस नौसेडा ने कहा कि हम पिछले 30 सालों में सबसे खतरनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इस बदतर हो रहे हालात को टालने के लिए हमारे हाथों में जो कुछ भी है उसे करना होगा।'
नाटो से भरोसा चाहते हैं पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कह चुके हैं कि उनके देश का इरादा यूक्रेन पर हमला करने का नहीं है। हालांकि, वह नाटो से कानूनी रूप से बाध्य भरोसा चाहते हैं कि वह रूस के करीब अपने हथियारों की तैनाती नहीं करेगा लेकिन पुतिन की यह शर्त पश्चिमी देशों को मंजूर नहीं है। रूस के साथ तनाव बढ़ने के बीच यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने बुधवार को यूक्रेन और चार अन्य पूर्व सोवियत गणराज्यों के अपने समकक्षों से मुलाकात की और राजनीतिक, व्यापार, ऊर्जा और सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने का संकल्प लिया। यूरोपीय संघ के ‘ईस्टर्न पार्टनरशिप’ में आर्मेनिया, अजरबैजान, बेलारूस, जॉर्जिया, मोल्दोवा और यूक्रेन शामिल हैं।