वारसा : प्रवासी संकट पर यूरोपीय संघ (ईयू) ने बेलारूस सरकार की आलोचना की है। ईयू का आरोप है कि बेलारूस यूरोपीय संघ के देशों तक आसान पहुंच का वादा कर शरणार्थी एवं प्रवासी संकट को और बढ़ा रहा है। ईयू ने बेलारूस के रवैये को 'गैंगस्टर स्टाइल' वाला बताया है। बता दें कि बेलारूस की तरफ से बड़ी संख्या में शरणार्थी पोलैंड की सीमा में दाखिल होने का प्रयास कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए पोलैंड के सुरक्षाबलों ने सीमा पर अवरोधक लगा दिए हैं। मंगलवार को जमा देने वाली सर्दी के बीच बेलारूस सीमा पर सैकड़ों की संख्या में प्रवासी और शरणार्थी फंसे दिखे।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक पोलैंड का आरोप है कि बेलारूस, मध्य एशिया एवं अफ्रीका से बड़ी संख्या में प्रवासियों एवं शरणार्थियों को मध्य यूरोप एवं अन्य देशों में दाखिल कराने का प्रयास कर रहा है। पोलैंड का कहना है कि इससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है। सोमवार को सैकड़ों की संख्या में शरणार्थी पोलैंड के सीमाई गांव कुजनिका की तरफ बढ़े। इस दौरान कुछ शरणार्थी फावड़ा एवं अन्य उपकरणों से बाड़ काटकर सीमा में दाखिल होने का प्रयास किया। प्रवासियों को अपनी सीमा में दाखिल होने से रोकने के लिए पोलैंड ने अपनी सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों, सुरक्षा गार्ड्स एवं पुलिस की तैनाती कर दी है।
पोलैंड के राष्ट्रपति एंद्रजेज डुडा ने मंगलवार को लुकाशेंको सरकार पर सीमा पर 'हमला' करने का आरोप लहगाया। वारसा में उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'हमारे पास प्रवासियों का एक शिविर है। शिविर में मौजूद लोगों को बेलारूस अपनी तरफ आने नहीं दे रहा है। इस कैंप में करीब 100 लोग हैं, इनमें ज्यादातर युवा हैं। ये आक्रामक कार्रवाई है जिसे हमें खत्म करना है और यूरोपीय संघ के सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना है।'
मंगलवार को ही यूरोपीय संघ के एक प्रवक्ता ने कहा, 'यह वास्तव में लुकाशेंको सरकार की गैंगस्टर स्टाइल का और अमानवीय रवैया है। वह लोगों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं...वह ईयू में आसानी से दाखिल होने का झूठा वाद कर लोगों को बेलारूस ला रहे हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर तार लगे बाड़ के पास अस्थायी शिविरों में हजारों लोगों को रखा गया है। मानवीय संगठनों का कहना है कि इन लोगों के पास दवाओं और खाने की कमी है।