केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज पुष्टि की है कि युद्धग्रस्त यूक्रेनी शहर सुमी में फंसे भारतीय छात्रों के लिए निकासी प्रक्रिया शुरू हो गई है और उन्हें बसों में पोल्टावा ले जाया जा रहा है। पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि कल रात मैंने नियंत्रण कक्ष से जांच की थी, सूमी में 694 भारतीय छात्र बचे थे। आज वे सभी पोल्टावा के लिए बसों में रवाना हुए हैं।
दरअसल, यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे महायुद्ध के बीच एक बार फिर रूस ने सीजफायर का ऐलान किया है। रूस ने ये सीजफायर इसलिए घोषित किया है ताकि युद्ध क्षेत्र में फंसे विदेशी नागरिकों के साथ वो लोग भी सुरक्षित जगह जा सकें जो फंसे हुए हैं। भारतीय समय के मुताबिक ये सीजफायर शुरू हो गया है। इसके साथ ही रूस ने कीव, चर्नेहिव और मारियूपोल में फंसे लोगों को निकलने के लिए कुछ रूट तय किए हैं। इन रूट के जरिए युद्ध क्षेत्र में फंसे लोग रूस में सुरक्षित जगह जा सकते हैं। हालांकि रूस ने साफ किया है कि ये सीजफायर तभी तक लागू रहेगा जबतक यूक्रेन इसका पालन करेगा।
आखिर युद्ध में फंसे लोगों को निकालने के लिए रूस ने क्या रूट तय किए हैं
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यूक्रेन में युद्ध शुरू के बाद से अब तक करीब 20 हजार लोगों को ऑपरेशन गंगा के तहत स्वेदश लाया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया का भारतीयों के निकालने के लिए पीएम मोदी ने यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपति से बात की और कॉरिडोर बनाने की अपील की।
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