Putin Girlfriend : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग पूछने लगे कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कथित गर्लफ्रेंड अलीना कबाइया इन दिनों कहां हैं और क्या कर रही हैं। इस बीच वेबसाइट 'चेंज डॉट ओआरजी' पर एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया गया है। इसमें भी पूर्व जिमनास्ट एवं ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता अलीना को पुतिन का गर्लफ्रेंड बताया गया है। इस ऑनलाइन अभियान में रूस, यूक्रेन एवं बेलारूस के लोग शामिल हैं। लोगों का दावा है कि अलीना स्विटजरलैंड की एक शानदार कोठी में अपने तीन बच्चों के साथ छिपी हुई हैं। लोगों ने स्विटजरलैंड से अलीना को निष्कासित करने की मांग की है।
38 वर्षीया अलीना ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 'द गार्जियन' सहित कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन दावा कर चुके हैं कि कबाइया ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन की गर्लफ्रेंड हैं। हालांकि, पुतिन ने आधिकारिक रूप से कभी भी इस रिश्ते को स्वीकारा नहीं है। वेबसाइट पर अभियान शुरू होने के बाद से इस पर 50,000 स् ज्यादा लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं। यह पेटिशन जर्मन, फ्रेंच एवं अंग्रेजी में पोस्ट किया गया है। इसमें कहा गया है, 'रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बावजूद स्विटजरलैंड पुतिन सरकार के एक साथी की मेजबानी कर रहा है।'
अलीना के स्विटजरलैंड में होने का दावा
इस बात की चर्चा और दावा है कि यूक्रेन पर रूस का हमला होने के बाद अलीना को स्विटजरलैंड भेज दिया गया। अलीना को 'रूस की सबसे लचकदार महिला' भी कहा जाता है। उन्होंने पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशिया पार्टी का छह वर्षों तक संसद में प्रतिनिधित्व किया है। वर्तमान में वह नेशनल मीडिया ग्रुप के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स की अध्यक्ष हैं। 'द डेली मेल' के मुताबिक इस पद के लिए अलीना को प्रतिवर्ष करीब 8 मिलियन पाउंड बतौर सैलरी दी जाती है।
यूक्रेन और रूस में जारी है लड़ाई
यूक्रेन पर गत 24 मार्च को रूस ने हमला किया। यूक्रेन पर हमला होने के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस पर कई आर्थिक एवं राजनीतिक प्रतिबंध लगाए हैं। रूस पर इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं हुआ। यह युद्ध अपने चौथे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। रूस के हमलों में यूक्रेन के कई शहर पूरी तरह से तबाह एवं बर्बाद हो गए हैं। करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग पड़ोसी देशों-हंगरी, पोलैंड और रोमानिया में शरण ली है। रूसी बमबारी से शहर मलबों में तब्दील हो गए हैं। लोगों के लिए मानवीय संकट पैदा हो गया है। लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।