इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की स्वदेश वापसी की चर्चा ने जोर पकड़ा है। इसी बीच, सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बयान दिया है कि स्व-निर्वासन में चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री अपनी मर्जी से कभी पाकिस्तान नहीं लौटेंगे, इसलिए पाकिस्तान सरकार उन्हें वापस लाएगी। चौधरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पीटीआई की नेतृत्व वाली सरकार को गिरा नहीं पाएगा क्योंकि वह 'क्षमताहीन' है।
फेडरल कैबिनेट की बैठक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉक्टर मोईद युसूफ के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, 'नवाज शरीफ खुद से कभी देश नहीं लौटेंगे। एक बार ब्रिटेन की सरकार के साथ करार हो जाने के बाद पाकिस्तान की सरकार शरीफ को वापस लाएगी।' दरअसल, नेशनल असेंबली के पूर्व स्पीकर अयाज सादिक ने कहा है कि वह नवाज शरीफ को वापस लाने के लिए लंदन जा रहे हैं। उनके इस बयान पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया जा रहा है कि चुनाव से पहले नवाज शरीफ पाकिस्तान लौटेंगे। शरीफ की वापसी पर सेना के साथ बैक चैनल से बातचीत भी चल रही है।
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'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक संवाददाता सम्मेलन में चौधरी ने कहा कि विपक्ष अपने कथित विरोध-प्रदर्शनों से लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को सत्ता से नहीं हटा सकता। उन्होंने दावा किया कि अगर जरूरत भी पड़ी तो असली विपक्ष की भूमिका इमरान खान ही निभा सकते हैं। फवाद ने कहा कि राजनीति में आंदोलन के लिए असली नेतृत्व की जरूरत होती है, जिसका कि विपक्ष में अभाव है। विपक्ष के नेता अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को झूठा सपना दिखा रहे हैं।
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यह पूछे जाने पर कि जमात-ए-उलेमा ए इस्लाम फज्ल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने लॉन्ग मार्च का आह्वान किया है। धार्मिक नेता का दावा है कि उनके इस मार्च के बाद सरकार गिर जाएगी, फवाद ने कहा कि मौलाना पिछले तीन सालों से इस तरह के दावे कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पीटीआई सरकार जब सत्ता में आई तो उस समय भी मौलाना ने मार्च किया था और इस्लामाबाद आए थे। इसके बाद से आंदोलन की तारीखें देते आ रहे हैं।