वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों के बीच अंतिम बहस से पहले बहस संचालित करने वाले आयोग ने नए नियमों की घोषणा की है। इनके तहत प्रतिद्वंद्वी वक्ताओं के माइक्रोफोन स्पीकर दो मिनट के लिए बंद कर दिए जाएंगे ताकि अपना पक्ष रखने जा रहा उम्मीदवार अपनी बात की शुरुआत निर्बाध तरीके से कर सके।
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के बीच अंतिम बहस 23 अक्टूबर को टेनेसी के नैशविले में बेलमोंट विश्वविद्यालय में होने वाली है।
नए नियमों के मुताबिक ट्रंप और बाइडेन दोनों को ही बहस के 15 मिनट वाले प्रत्येक खंड के दौरान शुरुआती दो मिनट निर्बाध रूप से बोलने के लिए दिए जाएंगे। आयोग ने सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा, ‘‘जो उम्मीदवार बोलने जा रहा होगा, इस दो मिनट में केवल उसी का माइक्रोफोन चालू रखा जाएगा।’’ इसमें कहा गया, ‘‘प्रत्येक खंड, जिसका उद्देश्य उम्मीदवारों के बीच खुली चर्चा है उसमें संतुलन कायम करने के लिए बाद में उम्मीदवारों के माइक्रोफोन चालू रखे जाएंगे।’’आयोग की ओर से कहा गया कि दोनों पक्षों के अभियान ने दो मिनट के निर्बाध नियम पर सहमति जताई है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के दो सप्ताह रह गए हैं और इस समय तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंदी जो बाइडेन के हिंदू समर्थकों के बीच राजनीतिक विभाजन गहराता जा रहा है।ट्रंप और बाइडेन के चुनावी अभियानों में हिंदुओं को लुभाने की कोशिश हो रही जो इस समुदाय की बढ़ती राजनीतिक प्रमुखता का संकेत है।
ट्रंप और बाइडेन के अमेरिकी हिंदू समर्थकों के बीच रविवार को '2020 का राष्ट्रपति चुनाव: अमेरिकी हिंदू मुद्दों पर एक बहस' नामक वेबिनार में हुई एक ऑनलाइन बहस से पता चलता है कि अमेरिका में हिंदू समुदाय के बीच स्पष्ट राजनीतिक विभाजन है। हिंदू समुदाय के एक समूह ने आरोप लगाया कि बाइडेन को मुसलमानों का समर्थक बताया तो दूसरे ने ट्रंप पर ‘‘नस्लवादी’’ होने का आरोप लगाया।