नई दिल्ली: पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में उन छात्रों और युवाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिन्होंने 13 सितंबर को मुजफ्फराबाद में इमरान खान के खिलाफ नारे लगाए थे। इस मामले में 11 को गिरफ्तार किया गया है और उनके घरों पर छापे मारे गए हैं। वहां पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे के खिलाफ बड़े पैमाने पर विद्रोह चल रहा है।
इमरान खान के खिलाफ पीओके के मुजफ्फराबाद में लोगों ने 'गो नियाजी गो बैक' और 'कश्मीर बनेगा हिंदुस्तान' के नारे लगाए थे। नियाजी इमरान का उपनाम है।
इमरान के नाम से जुड़ा नियाजी उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार की याद ताजा करती है। पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसंबर, 1971 को अपने हथियार डाल दिए थे।
मुजफ्फराबाद में हुई इस रैली में इमरान खान ने भारत के खिलाफ खूब जहर उगला था। इमरान की यह रैली पूरी तरह से फ्लॉप रही और लोगों को गाड़ियो और ट्रकों में भरकर रावलपिंडी और एबटाबाद से लाया गया।
इस रैली में इमरान ने पीओके के युवाओं को उकसाते हुए एलओसी पर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि मुझे आपके जज्बे का पता है। आप में से कई लोग लाइन ऑफ कंट्रोल पार करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं आज आपसे कहता हूं कि अभी लाइन ऑफ कंट्रोल पर जाने की जरूरत नहीं है। आप लोग तब लाइन ऑफ कंट्रोल जाना जब मैं आपसे जाने को कहूंगा।