नई दिल्ली। कहते हैं कि सांप को कितना भी दूध पिलाओ मौका पाने पर वो डंस लेता है। इसका अर्थ यह है कि सांप अपनी रंगत को नहीं छोड़ता। नेपाल इस समय चीन का यार बना हुआ है। लेकिन अपने ही यार की पीठ में चीन छूरा भोंक रहा है। नेपाल की जमीन पर चीन पहले ललचाई नजरों से देखता था। लेकिन अब तो वो स्थाई बिल्डिंग बनाकर अपनी सही रंगत में आ रहा है। लेकिन चीन की इस कार्रवाई के विरोध में लोग काठमांडू की सड़क पर ने केवल उतरे बल्कि चीनी दूतावास का घेराव किया बल्कि गो चाइना के नारे लगाए।
हुमला इलाके में चीन मे बनाई इमारत
दरअसल नेपाल के हुमला इलाके में चीन ने करीब 9 इमारतों को बना चुका है कि जिसका विरोध नेपाली नागरिक कर रहे हैं। चीनी दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए और गो बैक चाइना के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों के हाथों में जो बैनर थे उस पर चीन वापस जाओ के नारे लिखे थे इसके साथ ही विरोध करने वालों ने नेपाल की जमीन पर अतिक्रमण बंद करने की मांग की ।
गो बैक चाइना के नारे लगे
नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली एक तरफ चीन के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत बनाना चाहते हैं। लेकिन दूसरी तरफ चीन, नेपाल की जमीन पर कब्जा कर रहा है। चीन के घुसपैठ की तस्वीरें वायरल होने के बाद ओली सरकार पर दबाव बढ़ गया है और इस संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय को जानकारी भी दी गई है। ।एक रिपोर्ट के मुताबिक हुमला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के आधार पर 30 अगस्त से 9 सितंबर तक हुमला के लापचा-लिमी क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें नेपाली जमीन पर चीन के बनाए हुए 9 बिल्डिंग्स दिखाई दिए।
स्थानीय लोगों ने उपेक्षा का लगाया आरोप
हुमला जिले का लापचा-लिपू क्षेत्र मुख्यालय से दूर होने के कारण हमेशा से विकास की किरणों से उपेक्षित रहा है। नेपाल ने इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं किया है। लोगों का आरोप है कि अधिकारी इस क्षेत्र का कभी दौरा भी नहीं करते हैं। चीन को इस बात की जानकारी सालों से थी और मौका पाते ही चीन ने नेपाली जमीन को हथिया लिया।