नई दिल्ली : एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तुर्की और यूनान के आपसी मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गए। दरअसल, जटिल मुद्दों पर आपसी मतभेद भुलाकर आगे बढ़ने का संदेश देने के लिए गुरुवार को अंकारा में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के विदेश मंत्री आपस में भिड़ गए। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। विदेश मंत्रियों को आपस में उलझता देख वहां मौजूद मीडिया के लोग हैरान हो गए। करीब एक साल के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी।
बदलते रिश्ते को बताने के लिए बुलाई गई थी पीसी
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक नाटो के इन दोनों देशों के बीच मतभेद खत्म हो रहे हैं, यह दर्शाने के लिए यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। प्रेस कॉन्फ्रेस में तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुट कैवूसोगलू और यूनान के विदेश मंत्री निकोस डेनडियास ने हिस्सा लिया लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने पर दोनों के बीच मुद्दों को लेकर विवाद बढ़ता गया। गत अगस्त में पूर्वी भूमध्य सागर में तुर्की और यूनान के गनबोट्स आपस में टकरा गए थे जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया।
पीसी की शुरुआत मैत्रीपूर्ण माहौल में हुई
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत मैत्रीपूर्ण माहौल में शुरू हुई। कैवूसोगलू ने हाल ही में तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में हुई बातचीत की सराहना की। उन्होंने कहा कि सार्थक बातचीत के जरिए यूनान के साथ विवादित मुद्दों का समाधान निकल सकता है। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों को उकसाने वाला बयान देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, 'यह दोनों देशों के हित में है कि वहां का अल्पसंख्यक समुदाय शांति में रहे। यह हमारे संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।'
यूनान के विदेश मंत्री ने तुर्की पर लगाए आरोप
वहीं, डेनडियास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन की शुरुआत तुर्की पर आरोप लगाते हुए की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस की खोज में यूनान का रुख स्पष्ट है। उन्होंने कहा, 'यूनान के इस रुख के बारे में आपको पहले से पता है।' इस पर यूनान के विदेश मंत्री ने कहा, 'प्रेस के सामने आप यदि हमारे लोगों एवं देश पर गंभीर आरोप लगाएंगे तो मुझे इसका जवाब देना पड़ेगा। आप यदि तनाव जारी रखना चाहते हैं तो हम भी ऐसा कर सकते हैं।' दोनों नेताओं के बीच करीब 35 मिनट तक मुद्दों को लेकर तीखी बहस होती रही।
डेनडियास ने यूरोपीय संघ में शामिल होने की तुर्की की आकांक्षा का समर्थन किया लेकिन कहा कि यूनान की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।