इस्लामाबाद। अवैध फंडिंग के सिलसिले में जमात उत दावा के मुखिया और आतंकी हाफिज सईद को 10 साल की सजा सुनाई गई है। एंटी टेरर कोर्ट ने सईद को टेरर फंडिंग से जुड़े दो मामलों में सजा सुनााई है। हाफिज के साथ साथ याहया मुजाहिद, अब्दुल रहमान मक्की और याजिद इकबाल को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
2020 में अलग अलग केस में हाफिद सईद को चार बार सजा
बड़ी बात यह है कि इस वर्ष हाफिज सईद को चौथी बार सजा सुनाई गई है। हाफिज सईद इस समय फंडिंग मामले में लाहौर की जेल में पांच साल की सजा काट रहा है। बताया जाता है कि हाफिज पर आतंकी घटनाओं के लिए धन मुहैया कराना, मनी लांड्रिंग और अवैध रूप से जमीन हड़पने समेत 29 मामले चल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि यह बात सच है कि हाफिज को एक के बाद एक करके सजा दी जा रही है। लेकिन जमीन पर क्या हो रहा है यह देखना बाकी है।
क्या एफएटीएफ के सख्त रवैये के बाद फैसला आया
अब सवाल यह है कि पाकिस्तान की एंटी टेरर कोर्ट और एफएटीएफ के दिशानिर्देशों के बीच क्या कोई कनकेश्न है। यहां बता दें कि फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है और यह निर्देश दिया है कि 27 में से छूटे 6 एक्शन प्लान पर काम करना होगा और उसके लिए फरवरी तक का समय दिया है। पाकिस्तान ने 21 बिंदुओं पर काम करने की जानकारी दी थी। लेकिन भारत को ऐतराज था कि हकीकत में जो 6 बिंदु छूटे हुए हैं वो महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उसका संबंध ही कुख्यात आतंकियों से जुड़ा हुआ है।