पाकिस्तान में अजब तमाशा! संसद भंग करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर टली, इमरान खान को मिली मोहलत?

दुनिया
रवि वैश्य
Updated Apr 05, 2022 | 16:45 IST

dissolution of Pakistan Parliament:पाकित्सानी संसद भंग करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर से टल गई है, ऐसा मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से खबरें सामने आई हैं।

imran khan
पाकिस्तान में  संसद भंग करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर टली 
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई बुधवार तक के लिए टली
  • कोर्ट ने पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया था
  • संसद भंग करने के फैसले के खिलाफ विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Hearing in Pakistan Supreme Court: पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई कल तक के लिए टल गई है,गौर हो कि विश्वास प्रस्ताव खारिज और संसद भंग करने के फैसले के खिलाफ विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

गौर हो कि इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग करने पर संयुक्त विपक्ष द्वारा दायर मामले पर सुनवाई फिर से शुरू की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस 'हाई-प्रोफाइल' मामले में 'उचित आदेश' देने का वादा करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी। न्यायालय ने देश में राजनीतिक स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया था। प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने दोपहर में मामले पर सुनवाई शुरू की। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के सांसद रजा रब्बानी और वरिष्ठ वकील मखदूम अली खान ने अदालत में अपनी दलीलें पेश की।

'जो कुछ भी हुआ है, उसे केवल 'सिविलियन मार्शल लॉ' कहा जा सकता है।'

रब्बानी ने कहा कि अदालत को संसदीय कार्यवाही के तहत किस हद तक छूट प्राप्त है इसकी पड़ताल करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'जो कुछ भी हुआ है, उसे केवल 'सिविलियन मार्शल लॉ' कहा जा सकता है।' डॉन की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि स्पीकर का फैसला 'गैर कानूनी' था।

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उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-95 का हवाला देते हुए कहा, 'बिना प्रस्ताव के किसी भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता।' रब्बानी ने यह भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ जानबूझकर एक कहानी गढ़ने का प्रयास किया गया था, जिसमें एक विदेशी साजिश का भी हवाला दिया गया।

 'अगर इमरान खान के पक्ष में फैसला आता है, तो 90 दिन में चुनाव कराने होंगे'

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर खान के पक्ष में फैसला आता है, तो 90 दिन में चुनाव कराने होंगे। वहीं, अगर फैसला डिप्टी स्पीकर के खिलाफ आता है तो संसद फिर से बुलाई जाएगी और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। इससे कुछ ही देर पहले नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर (उपाध्यक्ष) कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। खान ने संसद के निचले सदन, 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रभावी तौर पर बहुमत खो दिया था।प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा उठाए गए कदमों पर गौर करते हुए अदालत फैसला सुनाएगी।

इमरान खान के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज

सुप्रीम कोर्ट की एक वृहद पीठ ने इस मामले पर सोमावार को सुनावाई शुरू की थी। पीठ में प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मजहर आलम खान मियांखेल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखाइल शामिल हैं। नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। मामले में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सभी राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाया गया है। उपाध्यक्ष के फैसले को लेकर सरकार और विपक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलें पेश कीं।

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