नई दिल्ली। दक्षिणी चीन सागर में चीन के विस्तारीकरण से अमेरिका खफा और उसका असर भी दिखाई दे रहा है। अमेरिकी बार बार चीन को संदेश दे रहा है कि वो कोई ऐसा काम न करे जिसकी वजह से वैश्वित संतुलन को खतरा हो। इन सबके बीच अमेरिका ने चीन के खिलाफ कुछ कड़े फैसले किए हैं, ताजा फैसला हुआवे से जुड़ा हुआ है। अमेरिका ने चीनी कंपनी हुआवे को अपने देश में रोकने के लिए फॉरेन डायरेक्ट प्रोडक्ट रूल का विस्तार किया है। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने बताया है कि हुआवे की 38 सहयोगी कंपनियों को भी एंटिटी लिस्ट में शामिल किया गया है।
चीनी कंपनी हुआवे को झटका
चिप प्रोडक्शन के वैकल्पिक उपाय और ऑफ-द-शेल्फ चिप प्रॉडक्शन पर रोक को लेकर नियम में बदलाव किए गए हैं। नए नियम के बन जाने के बाद अगर कोई दूसरे देश की कंपनी भी अमेरिकन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर चिप का निर्माण करती है तो हुआवे वह चिप नहीं खरीद सकती है। यह बैन हुआवे के साथ-साथ उसकी 38 सहयोगी कंपनियों पर भी लागू हुआ है।
चीन की विस्तारवादी नीति से अमेरिका खफा
अमेरिका ने पहली बार मई में फॉरन डायरेक्ट प्रॉडक्ट रूल को लागू किया था। इस नियम के लागू हो जाने के बाद से ही हुआवे लगातार इसे वापस लेने की अपील कर रही थी। ट्रंप प्रशासन ने नियम तो आसान नहीं किए, लेकिन हुआवे की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दरअसल अमेरिका को लगता है कि दक्षिण चीन सागर हो या चीन अपने सीमा से लगने वाले देशों के साथ जिस तरह का व्यवहार कर रहा है उसकी वजह से वैश्विक संतुलन को खतरा पैदा हो गया है, अब यह जरूरी है कि चीन के खिलाफ कुछ ऐसे सख्त कदम उठाए जाएं जो उसकी विस्तारवादी नीति पर लगाम लगा सके।