नई दिल्ली: ऐसे समय में जब महामारी बने एक वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है और हजारों लोग इससे अपनी जान हर दिन गंवा रह हैं तब यह प्रश्न रह रहकर लगातार सामने आ रहा है कि कोरोना वायरस चमगादड़ या किसी अन्य जानवर से निकला है या फिर चीन के वुहान शहर में लैब के अंदर किया गया एक प्रयोग है। यानी जानलेवा वायरस जानवरों से उपजा है या फिर इंसान के दिमाग की उपज है?
अमेरिका सहित दुनिया भर में कई देश और लोग इस बात की आशंका जता चुके हैं कि कोरोना को चीन की ओर से तैयार किया गया है और अब फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक ने भी कुछ इसी तरह का दावा किया है। फ्रांस के नोबेल विजेता वायरस विज्ञानी ल्यूक मॉन्टैग्नियर का कहना है कि दुनिया पर संकट बनकर छाने वाले SARS-CoV-2 वायरस को इंसानों ने बनाया है और चीन की लैब में इसे एड्स की दवा विकसित करने की कोशिश में बनाया गया है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार दवा के क्षेत्र में दो अन्य लोगों के साथ नोबेल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिक ने फ्रांस के एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में बात करते हुए कहा कि इस वायरस के अध्ययन के बाद गुणधर्म को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि यह अपने आप पैदा हुआ होगा। उनका कहना है, 'कोरोना वायरस के जीनोम में एचआईवी एड्स के तत्वों और मलेरिया के जर्म की मौजूदगी से शक पैदा होता है और यह पता चलता है कि कोरोना वायरस के गुणधर्म अपने आप विकसित नहीं हुए होंगे।'
2000 के दशक से ही हो रही रिसर्च: मॉन्टैग्नियर ने आरोप लगाया कि वुहान नेशनल बायोसैफिलीटी प्रयोगशाला में एक दुर्घटना हुई है, यह लैब सन 2000 के दशक के प्रारंभ से ही इस तरह के वायरस पर महारत की दिशा में काम कर रही है।
अमेरिका कर रहा जांच: गौरतलब है कि फ्रांस के नोबेल विजेता वैज्ञानिक की ओर से यह दावा ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी चीन की ओर से इस वायरस को बनाए जाने की आशंका जता चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके पास इस बारे में नई नई कहानियां सामने आ रही हैं और अमेरिका इसकी गहराई से जांच करेगा। सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो ने जानकारी देते हुए कहा था कि अमेरिका इससे जुड़े हर पहलू की जांच करने जा रहा है।