इस्लामाबाद: कश्मीर मसले पर दुनिया भर में अपनी किरकिरी कराने के बाद भी पाकिस्तान बार-बार 'कश्मीर राग' अलापने से बाज नहीं आ रहा। अपने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के लोगों को दिए गए अपने संदेश में इमरान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया। भारत सरकार ने 5 अगस्त 201 को अपने ऐतिहासिक फैसले में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करते हुए राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।
अनुच्छेद 370 हटाने से बौखलाया पाक
भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक गई। इसके बाद से वह संयुक्त राष्ट्र सहित दुनिया के अलग-अलग मंचों पर कश्मीर मसले को उठाता रहा है लेकिन हर जगह उसे नाकामी मिलती आई है। कोई भी देश भारत के खिलाफ उसके प्रोपगैंडा पर यकीन नहीं करता है। कुछ समय पहले तक कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के साथ खड़े होने वाले दो एक मुस्लिम देशों ने भी कश्मीर पर भारत के फैसले का अब समर्थन कर दिया है।
सऊदी अरब ने भी दिया झटका
कश्मीर मसले पर पाकिस्तान को लगातार झटका मिल रहा है। इसका ताजा उदाहरण सऊदी अरब से मिला है। पाकिस्तान चाहता था कि सऊदी अरब कश्मीर मसले पर मुस्लिम देशों के संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाए और इस बैठक में वह भारत को घेरने की कोशिश करे लेकिन सऊदी अरब ने आज तक ओआईसी की बैठक नहीं बुलाई।
सऊदी ने एक अरब डॉलर का कर्ज चुकाने को कहा
इससे नाराज पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में कुछ दिनों पहले कहा कि अगर सऊदी अरब ओआईसी की बैठक नहीं बुलाता तो वह प्रधानमंत्री इमरान खान से बैठक बुलाने के लिए कहेंगे। बताया जाता है कि कुरैशी का यह बयान सऊदी अरब को नागवार गुजरी है और उसने पाकिस्तान से एक अरब डॉलर का अपना कर्ज चुकाने के लिए कहा है।
इमरान मान चुके हैं कश्मीर पर अपनी नाकामी
वहीं भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि वह उसके आंतरिक मामलों में दखलंदाजी करना बंद करे। क्योंकि ऐसा करने से उसके 'अस्वीकार्य' दावों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कश्मीरियों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए पाकिस्तान 'कश्मरी एकजुटता दिवस' भी मनाता है लेकिन उसे कहीं भी समर्थन नहीं मिलता है। कश्मीर मसले पर मिली नाकामी को इमरान खान भी स्वीकार कर चुके हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि कश्मीर के मुद्दे पर दुनिया ने कभी उनका समर्थन नहीं किया।