पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान क्या पाखंड करते हैं। क्या वो सिर्फ अपने फायदे के लिए ओछी बाते करते हैं। दरअसल इस तरह का आरोप पीएम शहबाज शरीफ ने लगाया है। शरीफ का कहना है कि इमरान खान और पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी और बिजनेसमैन मलिक रियाज हुसैन के बीच लीक्ड टेलीफोन वार्ता से सबकुछ साफ है कि उनका असली चेहरा क्या है।
'एनआरओ के जरिए सरकारर बचाने की कोशिश'
शहबाज शरीफ ने कहा कि जो ऑडियोटेप सामने आया है उसने इमरान खान की सच्चाई बयां की है। खान के दोहरे मानदंडों को रिकॉर्ड बातचीत से समझा जा सकता है। जैसा कि वो दावा कर रहे थे कि वो एनआरओ की कार्रवाई से बचने की कोशिश वो पूरी तरह झूठ निकला। हकीकत में वो खुद और अपनी सरकार को एनआरओ की कार्रवाई से बचाने की कोशिश कर रहे थे। इमरान खान चाहते थे कि विपक्षी दलों से एनआरओ के दबाव के जरिए समझौता हो जाए ताकि उनकी सरकार बच जाए।
किसी तरह से बच जाए सरकार
शरीफ ने कहा कि जब पीपीपी, प्रॉपर्टी टायकून, एनआरओ के जरिए इमरान खान अपनी सरकार को बचाने में नाकाम दिखे तो उन्होंने विदेशी षड़यंत्र की बात कहनी शुरू कर दी। लेकिन टेप की बातचीत सामने आने के बाद सच सामने आ चुका है कि उनकी बोली और नीयत में कितना फर्क है। एनआरओ के जरिए वो दबाव, धमकी और समझौते तीनों तरह की राजनीति कर रहे थे। लेकिन जनता के सामने खुद को मासूम साबित करते नजर आए। बता दें कि एक ऑडियोटेप लीक हुआ है जिसमें कई लोगों की आवाजें हैं और लो आवाजें इमरान खान, आसिफ अली जरदारी से मिलती जुलती हैं। इस टेप में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि इमरान खान किसी तरह से जरदारी से समझौता करना चाहते हैं।
इमरान खान को लेकर ऑडियो लीक से बड़ा खुलासा, PPP के आसिफ अली जरदारी से दोस्ती करना चाहते थे पूर्व PM