पेशावर/इस्लामाबाद: पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल में आतंकवादियों के हमले की पांचवीं बरसी पर सोमवार को पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने ‘कट्टर नज़रिए’ वाले आतंकवादियों को देश को बंधक नहीं बनाने देने का संकल्प लिया।
अर्द्धसैनिक फ्रंटियर कोर की वर्दी पहने 8-10 फिदायीन हमलावर 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में घुस गए थे और कक्षाओं में जा-जाकर अंधाधुंध गोलीबारी की थी जिसमें 132 विद्यार्थियों समेत 149 लोगों की मौत हो गई थी। यह दुनिया में बच्चों पर किया गया सबसे भीभत्स हमला था। बीबीसी ने खबर दी है कि घटना के बाद, पाकिस्तान ने हमले के लिए जिम्मेदार चार व्यक्तियों को फांसी दे दी थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संदेश में कहा कि आतंकवादी मानसिकता को देश पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम इस दिन संकल्प लेते हैं कि हम आतंकवादियों को उसके कट्टरपंथी नजरिए के आगे देश को बंधक बनाने की इजाजत नहीं देंगे।’
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अपने संदेश में कहा कि देश छात्रों और उनके शिक्षकों के नरसंहार को नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा, ‘आंखों में आंसू के बिना इस दिन को याद करना मुश्किल है। हम अपने देश से सभी तरह के आतंकवाद और चरमपंथ को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराते हैं।’
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि इस नरसंहार को कभी नहीं भूला जाएगा। इस हमले की जिम्मेदारी मुल्ला फजुल्लाह के अगुवाई वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली थी।