इस्लामाबाद: इमरान खान के इस्लामाबाद की ओर लॉन्ग मार्च के आह्वान के बाद पाकिस्तान के प्रमुख शहरों से सरकार विरोधी अभियान शुरू हो गया है। इसके साथ ही राजधानी इस्लामाबाद कंटेनर, नाकाबंदी, कंटीले तारों और सुरक्षा तैनाती से घिरे बंकर में बदल गई है। शहबाज शरीफ सरकार ने यह कदम तब उठाया, जब उसने राजधानी में पीटीआई के लॉन्ग मार्च और सरकार विरोधी धरना प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
पंजाब प्रांत में अराजक दृश्य देखे गए
सरकार के फैसले को इमरान खान ने खारिज कर दिया, जिन्होंने घोषणा की कि वह पेशावर से लॉन्ग मार्च निकालेंगे। खान ने अपने सभी समर्थकों, विशेषकर युवाओं से देश के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में बाहर आने और राजधानी की ओर मार्च करने का आह्वान किया है। बुधवार सुबह से, देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब प्रांत में अराजक दृश्य देखे गए हैं, जहां पीटीआई प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक टकराव देखने को मिला। पुलिस अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा।
हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता
रिपोर्ट्स के अनुसार, सैकड़ों पीटीआई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों से हिंसक टकराव की खबरें आ रही हैं। वहीं सरकार की ओर से भी विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं। संघीय (केंद्र) सरकार ने राजधानी में रेड जोन को सुरक्षित करने के लिए पाकिस्तानी सेना को बुलाने का फैसला किया है, जिसमें सरकारी कार्यालय और राजनयिक एन्क्लेव शामिल हैं। इसके अलावा, राजधानी इस्लामाबाद के उन सभी प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जो अन्य शहरों और मार्गों को आपस में जोड़ते हैं। ऐसे स्थानों पर कंटेनर्स के साथ ही बेरिकेडिंग की गई है और वहां सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।
सुरक्षा बलों के साथ हिंसक टकराव
इमरान खान पेशावर से वली इंटरचेंज पहुंचे हैं और उन्होंने पेशावर-इस्लामाबाद मोटर मार्ग से विशेष रूप से बने कंटेनर उर्फ कारवां में राजधानी की ओर कूच किया है। प्रदर्शनकारियों का सुरक्षा बलों के साथ हिंसक टकराव जारी है, क्योंकि वे इस्लामाबाद पहुंचने के लिए कंटेनरों और नाकाबंदी के बीच से ही अपना रास्ता बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर, इमरान खान ने भी देर रात धरना स्थल को बदल दिया और उन्होंने अब श्रीनगर हाईवे से डी-चौक पर प्रदर्शन करने करने का फैसला किया है, जहां उन्होंने 2014 में नवाज शरीफ की तत्कालीन सरकार के खिलाफ 126 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था।
गाड़ियों से हथियार बरामद
सरकार का आरोप है कि पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के गाड़ियों से हथियार बरामद किए जा रहे हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस ने पीटीआई के जुबैर नियाजी और बजाज नियाजी के नेतृत्व में लाहौर में पीटीआई के वाहनों से हथियार बरामद किए हैं। पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज शरीफ ने बरामद हथियारों की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, "यह तथाकथित लॉन्ग मार्च का बदसूरत चेहरा है। (पीटीआई के) ये इरादे हैं।"