नई दिल्ली। पाकिस्तान की सरकार कहती है कि उसके देश में हर धर्म के लोगों को बराबर का अधिकार है, किसी भी पंथ को किसी तरह की मनाही नहीं है। लेकिन इस्लामाबाद में निर्माणाधीन कृष्ण मंदिर को न केवल बनने से पहले उसे गिरा दिया गया बल्कि नींव में लगी ईंटे भी उखाड़ ली गईं। पाकिस्तान के एक मौलाना ने आपत्तिजनक तकरीर करते हुए हिंदू अल्पसंख्यकों के बारे में बुरा भला कहा।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के बाद पाक मीडिया ने साधा निशाना
पाकिस्तान में इस तरह के कृत्य पर एमनेस्टी इंटरनेशल की साउथ एशिया ईकाई ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि पाकिस्तान के संविधान में हर एक शख्स को धार्मिक मान्यताओं,रीति रिवाजों की सुरक्षा का अधिकार दिया गया है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाध्यकारी भी है। इस्लामाबाद में जिस तरह से हिंदू मंदिर के निर्माण कार्य को रोका गया है वो पूरी तरह से गैरकानूनी कृत्य है और इस तत्काल पलटा जाना चाहिए।
दबाव में पलट गई थी इमरान सरकार
एमनेस्टी इंटरनेशल साउथ एशिया के इस ट्वीट पर मशहूर पत्रकार नायला इनायत उन्हीं शब्दों में ट्वीट किया। इस्लामाबाद में जिस तरह से मंदिर के निर्माण कार्य को रोका गया उस पर सोशल मीडिया में रिएक्शन हुआ है। एक शख्स का कहना है कि पाकिस्तान में हिंदुओं को सांस लेने देते रहे बस यही शुक्र करना चाहिए। इस्लामाबाद में जब मंदिर को बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई उस समय से ही विरोध शुरू हो गया था। पहले तो सरकार की तरफ से मदद मिली लेकिन कट्टरपंथियों के दबाव में इमरान सरकार झुक गई थी।