वाशिंगटन: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारत-चीन के बीच मौजूदा परिस्थितियों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने हालात को 'बेहद मुश्किल' करार दिया है और कहा कि वे भारत और चीन से बातचीत कर रहे हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रम्प ने कहा, 'उन्हें वहां एक बड़ी समस्या दिख रही है। वे मारपीट पर उतर आए हैं, और हम देखेंगे कि क्या होता है।'
भारत का समर्थन कर रहा है ट्रंप प्रशासन
पूरे ट्रम्प प्रशासन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप हुई चीनी घुसपैठ के खिलाफ भारत का खुलकर समर्थन किया है। यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत औऱ चीन को लेकर बयान दिया हो। पिछले महीने ही ट्रंप ने सीमा विवाद को लेकर मध्यस्थता की पेशकश करते हुए कहा था कि अमेरिका भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। हालांकि, उनकी इस पेशकश को दोनों देशों ने ठुकरा दिया था।
20 जवान हुए थे शहीद
आपको बता दें भारत औऱ चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 15 और 16 जून की रात एक हिंसक झड़प हुई थी। इस हिंसक झड़प में एक कमांडिंग ऑफिसर सहित आर्मी के 20 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि चीन के भी 40 से अधिक जवानों के घायल या मारे जाने की खबर है जिसे लेकर चीन ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। इसके बाद से चीन लगातार झूठे बयान जारी कर रहा है और गलवान घाटी पर दावा भी ठोक रहा है।
पीएम मोदी ने कही थे ये बात
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज हम सभी हमारी सीमाओं की रक्षा में लगे सैनिकों के साथ एकजुट हैं और उनके साहस और बहादुरी पर पूरा भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा कि न तो किसी ने हमारी सीमा में प्रवेश किया है, न ही किसी भी पोस्ट पर कब्जा किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे 20 बहादुर जवानों ने लद्दाख में राष्ट्र के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, लेकिन उन्होंने उन लोगों को सबक भी सिखाया जिन्होंने हमारी मातृभूमि की ओर देखने का दुस्साहस किया। राष्ट्र उनके साहस और बलिदान को हमेशा याद रखेगा।