कीव : यूक्रेन पर गहराते संकट के बीच भारत ने यहां रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि जिन भारतीयों का यहां रहना बहुत जरूरी न हो, वे तत्काल देश छोड़ दें। यहां पढ़ाई कर रहे सभी भारतीय छात्रों को भी अस्थाई तौर पर यूक्रेन छोड़ देने की सलाह दी गई है। उनसे चार्टर फ्लाइट्स के लिए उन लोगों के संपर्क में रहने को कहा गया है, जिनके जरिये वे यहां पहुंचे हैं।
यूक्रेन स्थित भारतीय दूतवास की ओर से रविवार (20 फरवरी) को यह एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें भारतीय स्टूडेंट्स से कहा गया है कि वे फ्लाइट्स के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अपने स्टूडेंट्स कॉन्ट्रैक्टर से संपर्क में रहें। साथ ही उन्हें इस संबंध में अधिक व लेटेस्ट जानकारी के लिए भारतीय दूावास की वेबसाइट, फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर भी अपडेट चेक करने के लिए कहा गया है।
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कीव स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि यहां से निकासी के लिए कमर्शियल और चार्टर्ड फ्लाइट्स भी उपलब्ध होगी। इस बीच सूत्रों के हवाले से आई जानकारी में यह भी कहा गया है कि भारत ने कीव स्थित अपने दूतावास के कर्मचारियों को देश लौटने के निर्देश दिए हैं।
यह एडवाइजरी ऐसे समय में आई है, जबकि पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेन के सैनिकों के बीच गोलाबारी तथा रूस के परमाणु अभ्यास के बाद तनाव और बढ़ गया है। अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देश दावे कर रहे हैं कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
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ऐसी स्थिति में भारत की प्रमुख चिंता यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा है, जिसे यूक्रेन संकट के बीच गुरुवार (17 फरवरी) को आहूत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक में भी भारत ने उठाया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा था, यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक रहते हैं। इनमें बहुत से लोग सीमावर्ती इलाकों में रहते हैं। भारत की प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा है। उन्होंने सभी पक्षों से इस संकट का कूटनीतिक समाधान तलाशने की अपील करते हुए कहा था कि तनाव बढ़ाने वाले कदमों से बचना चाहिए।