वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें आतंकवाद का मसला भी शामिल रहा। भारत और अमेरिका ने इस मुलाकात के दौरान 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई को लेकर प्रतिबद्धता भी जताई।
पीएम मोदी और जो बाइडेन की भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात व्हाइट हाउस में हुई इस मुलाकात को भारत-अमेरिका संबंधों में 'नए अध्याय की शुरुआत' के तौर पर देखा जा रहा है तो यह उम्मीद भी जताई जा रही कि मौजूदा अमेरिकी प्रशासन और भारत में पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को हासिल करेंगे और कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा।
पीएम मोदी और जो बाइडेन की मुलाकात के बाद जारी एक संयुक्त बयान में मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमले का जिक्र किया गया, जिसके लिए भारत ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और कई साक्ष्य भी सौंपे हैं। बयान में 'सीमा पार आतंकवाद' की निंदा की गई है और 26/11 मुंबई हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया गया है।
इसमें कहा गया है कि भारत और अमेरिका वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई में एक साथ खड़े हैं। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति से प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे।
मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें 6 अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी मौलाना हाफिज सईद है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित आतंकी घोषित किया है और जिस पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है। आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में बीते साल 17 जुलाई को गिरफ्तारी के बाद से वह लाहौर की उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद है।