तेहरान : जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का स्तर बढ़ता जा रहा है। ईरान ने मंगलवार को अमेरिका की पूरी फौज को 'आतंकवादी' घोषित कर दिया है। समझा जाता है कि ईरान की इस घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच आक्रामकता और बढ़ सकती है। बता दें कि गत तीन जनवरी को अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी मारे गए। अमेरिकी बलों ने बगदाद के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब सुलेमानी को निशाना बनाया। खाड़ी देशों में अमेरिका के करीब 5 हजार सैनिक तैनात हैं। ईरान की इस घोषणा के बाद उन पर हमले का खतरा बढ़ गया है।
सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के संबंध अब तक के सबसे खराब दौर में पहुंच चुके हैं। ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला खामनेई ने अपने जनरल की मौत का 'बदला लेने' की बात कही है। उन्होंने सुलेमानी को शहीद दर्जा देते हुए देश में तीन दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया। सोमवार को तेहरान में सुलेमानी का पार्थिव शरीर लाया गया और उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। अपने जनरल को अंतिम विदाई देने के लिए भारी तेहरान की सड़कों पर भारी संख्या में भीड़ उमड़ी। इस मौके पर खामनेई को रोते भी देखा गया।
अमेरिका ने सुलेमानी के खिलाफ अपनी कार्रवाई को सही बताया है। अमेरिका ने कहा है कि उसने सुलेमानी का खात्मा कर दुनिया को आतंकवाद से मुक्त किया है। बता दें कि सुलेमानी ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के कुद्स फोर्स के प्रमुख थे। यह बल विदेशों में ईरान के हितों के लिए काम करता है। अमेरिका का आरोप है कि सुलेमानी के इशारे पर इराक में अमेरिकी नागरिकों एवं उसके दूतावास पर हमले हुए। अमेरिका अपने खिलाफ हमलों के लिए सुलेमानी को मुख्य साजिशकर्ता मानता आया है।
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर दुनिया में दिखने लगा है। दोनों देशों के बीच तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों पर विश्व भर की नजर है। भारत, दुनिया के देशों और संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका और ईरान दोनों से अत्यधिक संयम बरतने की अपील की है। इस बीच, अमेरिका ने ईरान मूल के अपने लोगों को तेहरान की यात्रा करने से मना कर दिया है। ईरान ने कहा है कि उसे अमेरिकी बल जहां भी मिलेंगे वह उन्हें निशाना बनाएगा। ईरान की धमकियों को देखते हुए अमिरका ने इराक में अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।