इरबिल (इराक) : ईरान में सैन्य परमाणु कार्यक्रम की स्थापना करने वाले वैज्ञानिक मोहसिन फख्रीजादा की हत्या के बाद मध्य एशिया के देश एक नए दौर के संघर्ष की आहट सुनने लगे हैं। खास बात यह है कि फख्रीजादा पर हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है लेकिन बेरूत से लेकर बगदाद तक ईरान एवं उसके सहयोगियों ने इस हमले के लिए इजरायल एवं अमेरिका की तरफ उंगली उठाई है।
नए सिरे से संघर्ष की शुरुआत हो सकती है
इजरायल एवं अमेरिका पर सवाल उठाए जाने के बाद भू-राजनीतिक स्थिति पर नजर रखने वाले क्षेत्रीय विश्लेषकों का मानना है कि इलाके में नए सिरे से संघर्ष की शुरुआत हो सकती है। वैज्ञानिक की हत्या के बाद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस के प्रवक्ता ने अपने एक बयान में 'संयम बरतने एवं किसी तरह की कार्रवाई से बचने की अपील की है।' प्रवक्ता का कहना है कि कार्रवाई क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकती है।
ईरान में इजरायल के खिलाफ आक्रोश
रिपोर्टों के मुताबिक फख्रीजादा की हत्या के बाद ईरान में इजरायल के खिलाफ आक्रोश बढ़ता दिखा है। ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई ने हत्यारों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया है। यही नहीं, इराक में भी आक्रोश की भावना देखी जा रही है। अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के इराकी विश्लेषक लाहिब हिजेल ने बताया, 'यह संभव है कि ईरान समर्थक समूहों की तरफ से इराक में जवाबी कार्रवाई हो।' हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हारने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति को जटिल बना दिया है।
'जनवरी तक शायद चुप न बैठे ईरान'
उन्होंने कहा, 'ह्वाइट हाउस से ट्रंप के जाने तक एक तरफ ईरान एवं उसके सहयोगी इराक में शांत हैं लेकिन जनवरी तक वे चुप बैठेंगे, इस पर संदेह है।' लाहिब ने कहा कि इराक में अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों को कुछ उसी तरह से निशाना बनाने की कोशिश की जा सकती है जैसे कि जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद तेहरान की तरफ से रॉकेट से हमला किया गया था।
शुक्रवार को हुई फख्रीजादा की हत्या
वैज्ञानिक फख्रीजादा को सुपुर्द-ए-खाक करने की रस्म शुरू हो गई है। शुक्रवार को सैन्य अंदाज में घात लगा कर हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी। ईरानी टीवी चैनल ‘स्टेट टीवी’ पर सोमवार को इसका प्रसारण किया गया जिसमें फख्रीजादा का ताबूत दिख रहा था। राजधानी तेहरान में रक्षा मंत्रालय के बाहरी इलाके में उनका ताबूत को मंच पर रखा गया। वहां कुरान की आयतें पढ़ी जा रही हैं।