दुबई : फ्रांस से भारत आ रहे पांच लड़ाकू विमान अपने पड़ाव में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के जिस एयरबेस पर रुके थे उसके पास ईरानी की तरफ से मंगलवार को कई मिसाइलें दागी गईं। इसके बाद विमानों के साथ एयरबेस पर रुके भारतीय पायलटों को अलर्ट किया गया। यूएई की अल धाफ्रा एयरबेस पहुंचने में राजधानी अबु धाबी से एक घंटे का समय लगता है। इस एयरबेस पर अमेरिकी और फ्रांस के जवान एवं एयरक्राफ्ट तैनात हैं। एक अमेरिकी न्यूज चैनल ने मिसाइलें दागने की घटना की पुष्टि की है। बता दें कि फ्रांस से राफेल विमानों की पहली खेप सोमवार को रवाना हुई। इस खेप में पांच राफेल लड़ाकू विमान शामिल हैं जो बुधवार दोपहर बाद भारत पहुंचेंगे।
एयरबेस को अलर्ट किया गया
अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन की बारबरा स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक खूफिया इंटेल मिलने के बाद कि ईरान के मिसाइल यूएई के अल धाफ्रा और कतर के अल उदैद एयरबेस की तरफ ईरान की मिसाइलें बढ़ रही हैं, इन दोनों एयरबेस को अलर्ट कर दिया गया।
रिपोर्ट में 3 मिसाइलें दागी गईं
इस घटना के बारे में अमेरिकी फॉक्ट न्यूज के लूकास टॉम्लिन्सन ने अपने एक ट्वीट में एक अधिकारी के हवाले से बताया कि 'ईरान की तरफ से दागी गईं तीन मिसाइलें एयरबेस के समीप समुद्र में गिरीं। इसके बाद अमेरिकी सैनिकों एवं लड़ाकू विमानों की तैनाती वाले मध्य पूर्व के दो सैन्य ठिकानों को हाई अलर्ट कर दिया गया।' बताया जा रहा है कि ईरान ने अपने सैन्य अभ्यास के तहत यह कार्रवाई की है।
अमेरिकी नौसेना ने की आलोचना
बीबीसी संवाददाता नाफिसेह कॉनावार्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी नौसेना ने 'फारस की खाड़ी में ईरान के इस सैन्य अभ्यास की आलोचना की है।' नौसेना ने इसे 'गैरजिम्मेदार एवं लापरवाह' कदम बताया है। नाफिसेह का कहना है कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के अभ्यास एवं मिसाइल परीक्षण के देखते हुए यूएई के अल धाफ्रा एयरबेस पर तैनात सैनिकों को बंकर में जाने के लिए कहा गया।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस है राफेल
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए राफेल काफी अहम माना जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राफेल के वायु सेना में शामिल हो जाने के बाद उसकी मारक क्षमता में जबर्दस्त इजाफा होगा। अत्याधुनिक तकनीक से लैस राफेल 4.5 पीढ़ी का फाइटर जेट है। मिसाइलों से लैस हो जाने के बाद अपने सेमी स्टील्थ फीचर्स के साथ यह लड़ाकू विमान और भी घातक हो जाता है। इस लड़ाकू विमान ने अफगानिस्तान, सीरिया और लीबिया में अपने करतब दिखा चुका है। भारत में इसके आने से पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि इन लड़ाकू विमानों के आ जाने बाद भारतीय वायु सेना चीन और पाकिस्तान की एयर फोर्स पर भारी पड़ेगी।