तेहरान : ईरान में आज (शुक्रवार, 18 जून) राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी के प्रशासन के प्रति लोगों में निराशा व रोष के बीच हो रहे इस चुनाव के लिए मदान की शुरुआत शुक्रवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे
पहला वोट डालकर की। चुनाव में कट्टरपंथियों की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, जिसके लिए पांच उम्मीदवार मैदान में हैं।
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कुल सात उम्मीदवार थे, जिनमें से एक उदारवादी प्रत्याशी और एक कट्टरपंथी प्रत्याशी ने प्रचार के अंतिम दिन बुधवार को अपने नाम वापस ले लिए। ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में उतरे एकमात्र सुधारवादी प्रत्याशी मोहसिन मेहरालिजादेह थे। उनके साथ-साथ कट्टरपंथी उम्मीदवार अलीरेजा जकानी ने भी राष्ट्रपति पद की दौड़ से कदम खींच लिए, जिसके बाद मैदान में अब पांच प्रत्याशी रह गए हैं।
इस चुनाव में मुख्य मुकाबला अब देश के कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रईसी और सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख अब्दुलनासिर हेम्माती के बीच माना जा रहा है। बुधवार को जिन दो प्रत्याशियों ने चुनाव मैदान से हटने की घोषणा की, उससे इनकी स्थिति मजबूत हुई बताई जा रही है। यहां उल्लेखनीय है कि ईरान में समान विचार वाले उम्मीदवारों की जीत की संभावना को मजबूत करने के लिए अक्सर प्रत्याशी नाम वापस लेते हैं।
ईरान के दो प्रांतों में गवर्नर रह चुके 64 वर्षीय मेहरालिजादेह के मैदान से हटने के बाद जहां शीर्ष बैंकर अब्दुलनासिर हेम्माती की स्थिति मजबूत बनी है, वहीं कट्टरपंथी सांसद जकानी (55) के चुनाव मैदान से हटने के बाद रईसी को ताकतवर प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा है। दो बार राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो चुके जकानी ने रईसी के प्रति अपना समर्थन जताते हुए बुधवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अपना नाम वापस ले लिया था।
इब्राहिम रईसी की गिनती ईरान के कट्टरपंथी नेताओं में होती है। उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई का करीबी माना जाता है। उन्होंने 2017 में भी ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में किस्मत आजमाई थी, लेकिन वह हसन रुहानी के मुकाबले हार गए थे। तब उन्होंने रईसी को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर रईसी चुनाव जीतते हैं तो ईरानियों पर कट्टरपंथी इस्लामिक पाबंदियां थोपेंगे।
रईसी मौलवियों के उस समूह का हिस्सा हैं, जिसने 1988 में ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी के आदेश पर ईरान-इराक युद्ध के बाद बंदी बनाए गए हजारों बंदियों को मारने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद अमेरिका ने रईसी पर प्रतिबंध भी लगा दिए थे। हेम्माती इस दौड़ में न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम, रईसी से कहीं पीछे नजर आ रहे हैं।
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में जो प्रत्याशी मैदान में हैं, उनमें इब्राहिम रईसी और अब्दुलनसर हेम्मती के अतिरिक्त आईआरजीसी के पूर्व कमांडर इन चीफ मोहसिन रेजाई, 2015 की परमाणु डील के एक नेगोशिएटर सईद जलीली और संसद में डेप्युटी स्पीकर आमिर हुसैन गाजीजादे हाशमी शामिल हैं। ईरान की राजनीति पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के अनुसार, इस चुनाव में रईसी सबसे आगे नजर आ रहे हैं।
यहां यह भी गौरतलब है कि ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में 600 से ज्यादा लोगों ने उम्मीदवारी के लिए नामांकन किया था। लेकिन गार्जियन काउंसिल ने केवल सात उम्मीदवारों को ही चुनाव लड़ने की मंजूरी दी। सात में से भी दो प्रत्याशियों ने प्रचार के आखिरी दिन अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी।