ईरान की फैक्ट्री क्यों बना रही है हजारों अमेरिकी-इजरायली झंडे? इसलिए बढ़ी डिमांड

ईरान में झंडे बनाने वाली फैक्ट्री का उत्पादन बढ़ गया है। वो महीने में हजारों अमेरिकी, इजरायली और ब्रिटिश झंडे बना रही है। इसके पीछे कारण है कि इन देशों के खिलाफ प्रदर्शनकारी इनके झंडे जलाते हैं।

Flag
फैक्ट्री में खूब हो रहा झंडों का उत्पादन  |  तस्वीर साभार: Twitter

तेहरान (ईरान): ईरान के सबसे बड़े ध्वज कारखाने में व्यापार फलफूल रहा है। यहां ईरानी प्रदर्शनकारियों के जलाने के लिए अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायल के झंडे बनाए जा रहे हैं। राजधानी तेहरान के दक्षिण-पश्चिम में खोमैनी शहर में फैक्ट्री में युवक और युवतियां हाथों से झंडे प्रिंट करते हैं और फिर उन्हें सूखने के लिए लटका देते हैं। फैक्ट्री अपने व्यस्ततम समय में एक महीने में लगभग 2,000 अमेरिकी और इजरायल के झंडे का उत्पादन करती है, और एक वर्ष में 1.5 मिलियन वर्ग फुट से अधिक झंडे बनाता है।

3 जनवरी को बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सोलीमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसके बाद ईरान ने इराक में अमेरिकी बेस पर मिसाइल हमला कर जवाबी कार्रवाई की थी।

ईरान में रैलियों और विरोध प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारी नियमित रूप से इजरायल, अमेरिका और ब्रिटेन के झंडे जलाते हैं। दैबा परचम फ्लैग फैक्ट्री के मालिक घासेम घनजानी ने कहा, 'हमें अमेरिकी और ब्रिटिश लोगों से कोई समस्या नहीं है। हमें उनके शासकों के साथ समस्या है। हमें उनके राष्ट्रपतियों से समस्या है, उनकी नीतियां गलता है। अमेरिका और इजरायल के लोग जानते हैं कि हमें उनसे कोई समस्या नहीं है। यदि लोग विभिन्न रैलियों में इन देशों के झंडे जलाते हैं, तो यह केवल अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए है।'

क्वालिटी मैनेजर का कहना है कि जनरल सुलेमानी की हत्या जैसी अमेरिका का कायरतापूर्ण हरकत के खिलाफ एक ही चीज है जो हम कर सकते हैं- उनके झंडे जलाना।

अगली खबर