कर्ज बांटते-बांटते क्या खुद कंगाली की तरफ जा रहा चीन? बैंकों की सुरक्षा में उतारे टैंक्स, लोगों में भारी गुस्सा

दुनिया
आलोक राव
Updated Jul 22, 2022 | 13:21 IST

China Economic Crisis: बैंकों से पैसे की निकासी पर चीन के बैंकिंग एवं इंश्योरेंस रेगुलेटरी कमीशन का कहना है कि इस अव्यवस्था से निपटने के लिए एक योजना तैयार की गई है और सभी ग्राहकों को इंस्टालमेंट में उनका मूल फंड लौटाया जाएगा। 

Is China itself going towards economic crisis? Tanks roll out to ‘protect’ banks in Henan
चीन पर आर्थिक संकट मंडराने लगा है।  |  तस्वीर साभार: AP

China Economic Crisis: अपनी अर्थव्यवस्था का दंभ भरने वाले चीन की आर्थिक हालत पतली होने लगी है। देशों को कर्ज देकर अपनी जाल में फंसाने वाले चीन के सामने खुद अपनी अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। उसकी महात्वाकांक्षी योजना 'बेल्ड एंड रोड इनिशिएटिव' उसके लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत साबित हो रही है। रिपोर्टों की मानें तो अपनी इस योजना के लिए चीन ने देशों को भारी भरकम कर्ज दिया है। संदेह जताया जा रहा है कि शायद ये देश कर्ज वापस न कर पाएं। न्यूयॉर्क स्थित रिसर्च ग्रुप रोहडियम के अनुसार चीन के बैंकों ने साल 2020 और 2021 में 52 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया।  

बैंकों से पैसे निकालने पर लगी रोक चीन की सरकार को अलग से परेशान कर रही है। आलम यह है कि बैंकों की सुरक्षा के लिए टैंक तैनात कर दिए गए हैं। तो देश में आर्थिक संकट गहराता देख लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है। रिपोर्टों के मुताबिक चीन का जीडीपी का ताजा आंकड़ा भी अर्थव्यवस्था में मंदी का इशारा कर रहा है। इस आंकड़े के अनुसार साल 2020 के बाद चीन की अर्थव्यवस्था सबसे कम रफ्तार से बढ़ी है। 

मॉर्टगेज अदा करने से इनकार किया
आर्थिक संकट गहराता देख कई घरों के मालिकों ने मॉर्टगेज अदा करने से इनकार कर दिया है। इसकी वजह से बैंकों के सामने नया संकट पैदा हो गया है। हेनान प्रांत में बैंकों की सुरक्षा के लिए टैंक की तैनाती कर दी गई है। ये दृश्य 1989 के थिआनमैन चौक पर हुए नरसंहार की याद दिला रहे हैं। टैंकों की तैनाती को लेकर बीजिंग की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन रिपोर्टों में दावा किया गया है कि स्थानीय प्रशासन ने लोगों से 'धैर्य बनाए' रखने के लिए कहा है। 

हेनान प्रांत में बैकों से पैसे निकालने पर रोक
दरअसल, चीन में इस आर्थिक संकट की शुरुआत उस समय हुई जब हेनान प्रांत के चार बैंकों और अनहुई के एक बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा कि वे अपने बैंक अकाउंट से पैसों की निकासी नहीं कर सकते। ग्राहकों को बताया गया कि उनका अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 18 अप्रैल के बाद से इन बैंकों में कामकाज नहीं हो रहा है। 

निवेशकों को गुमराह किया गया
चीन में गहराते आर्थिक संकट के पीछे बैंकिंग व्यवस्था में वित्तीय अनियमितताओं को एक प्रमुख वजह माना जा रहा है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इन बैंकों में शेयर रखने वाले हेनान शिनकैफू ग्रुप ने इन वित्तीय संस्थाओं का अधिग्रहण कर लिया है और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए पब्लिक फंड के लिए निवेशकों को गुमराह किया है। 

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बैंकों के सामने लोगों का प्रदर्शन
बैंकों से पैसे निकालने पर रोक लगने के बाद लोगों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है। गत 10 जुलाई को 1000 से ज्यादा लोगों ने बैंकों के सामने प्रदर्शन किया। ग्राहकों का कहना है कि उन्होंने काफी परिश्रम से बैंकों में रकम जमा की है, इस पैसे को उन्हें लौटाया जाना चाहिए। बैंकों से पैसे की निकासी पर चीन के बैंकिंग एवं इंश्योरेंस रेगुलेटरी कमीशन का कहना है कि इस अव्यवस्था से निपटने के लिए एक योजना तैयार की गई है और सभी ग्राहकों को इंस्टालमेंट में उनका मूल फंड लौटाया जाएगा। 


 

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