नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर अगस्त के तीसरे सप्ताह में कंधार में था। वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने में तालिबान का समर्थन चाहता है। 'इंडिया टुडे' के सूत्रों से जानकारी सामने आई है कि मसूद अजहर ने मुल्ला अब्दुल गनी बरादर सहित तालिबान नेताओं से मुलाकात की। मसूद अजहर ने कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशन के लिए तालिबान से मदद मांगी थी।
इससे पहले, मसूद अजहर ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान की 'जीत' पर खुशी व्यक्त की थी। उसने 'अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान सरकार' के पतन को लागू करने के लिए आतंकवादी समूह की प्रशंसा की गई थी। 16 अगस्त को 'मंजिल की तरफ' शीर्षक से अपने लेख में जेईएम प्रमुख ने अफगानिस्तान में 'मुजाहिदीन की सफलता' की सराहना की।
तालिबान की जीत पर एक दूसरे को बधाई देने के लिए पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित अपने मरकज (मुख्यालय) में JeM पदाधिकारियों के बीच एक संदेश भी प्रसारित किया जा रहा है।
भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं: तालिबान के प्रवक्ता
इस बीच तालिबान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि समूह भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। उन्होंने संकल्प लिया कि अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं करने दिया जाएगा। तालिबान के प्रवक्ता जुबिउल्लाह मुजाहिद ने यह भी कहा कि समूह जिसके हाथ में अब अफगानिस्तान की बागडोर है वह भारत को क्षेत्र में एक अहम हिस्सा मानता है। पाकिस्तान के एआरवाई समाचार चैनल ने बुधवार को मुजाहिद के हवाले से कहा, 'हम क्षेत्र के एक अहम हिस्से भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हमारी आकांक्षा है कि भारत अफगान लोगों के हितों के अनुरूप अपनी नीति तैयार करे।'