S Jaishankar on UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को खूब लताड़ लगाई। एस जयशंकर ने कहा कि, कुछ देश आतंकवादियों को बचाने के लिए ढोंग और पाखंड का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी बयानबाजी कभी भी खून के धब्बे को कवर नहीं कर सकती है। जयशंकर ने कहा कि, आतंकवाद को लेकर भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति है। रूस और यूक्रेन में किसके साथ भारत खड़ा है? इस सवाल का जवाब भी जयशंकर ने दिया और जयशंकर ने कहा कि भारत सच के साथ खड़ा है।
चीन का नाम लिए बगैर विदेश मंत्री ने कहा, 'सीमा पार आतंकवाद से भारत दशकों से पीड़ित रहा है। आतंकवाद पर भारत का नजरिया जीरो टॉलरेंस का है. भले ही मकसद कुछ भी हो, किसी भी आतंकी घटना को सही नहीं ठहराया जा सकता। चाहे कितने भी अलंकृत भाषण दे दें, या कोई कितना भी पाखंडी ही क्यों ना हो, खून के धब्बे नहीं छिपा सकता। वो लोग जो आतंकवादियों पर पाबंदी के UN के नियम का राजनीतिकरण करते हैं, वो कई बार पाबंदियों के खिलाफ बोलते हुए घोषित आतंकियों को बचाने की कोशिश तक करते हैं। वो ऐसा अपने मतलब के लिए करते हैं।'
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रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, 'रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध पर हमसे कई बार सवाल किया जाता है कि आप किसकी तरफ हैं? हर बार हमारा जवाब सीधा और ईमानदार रहा है. भारत शांति के पछ में है और मजबूती से खड़ा रहेगा. हम यूएन के नियम और सिद्धांतों को मानने वाले की तरफ हैं, हम संवाद और कूटनीति के पक्षधर की तरफ हैं. हम दो वक्त की रोटी भी ना जुटा पाने वालों की तरफ हैं. हम उनके साथ भी हैं जो खाद्य सामग्री, ईंधन और खाद की बढ़ती कीमतों से मुश्किल में हैं. इसलिए यूएन के भीतर और बाहर इन समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हम सभी के हित में है।'
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने संबोधन के दौरान विश्व को हकीकत से रूबरू कराया और कहा, 'जैसा हमने कोरोना महामारी के वक्त देखा, इसका सबसे ज्यादा असर दक्षिण पर पड़ेगा। भले ही कारण अभी बहुत परे है पर दुनिया के संवाद में इस गंभीर अनौचित्य के मुद्दे को जगह मिलना बेहद जरूरी हो जाता है। वैक्सीन वितरण में असमानता बाकी क्षेत्रों में नहीं दोहराया जाना चाहिए।'
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