जो बाइडन बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति अमेरिकी की शपथ लेंगे। उनके राष्ट्रपति बनने के पहले से ही ये सवाल बार-बार उठ रहा है कि आखिर उनके भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैसे संबंध रहेंगे। बाइडन का भारत के साथ-साथ पीएम मोदी के साथ कैसी केमिस्ट्री होगी। मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं और उसके बाद उनका अमेरिका के 2 राष्ट्रपतियों से सामना होता है। बाइडन तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जिनसे पीएम मोदी को आधिकारिक तौर पर संबंध स्थापित करने होंगे।
बाइडन से पहले पीएम मोदी का अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में बराक ओबामा और फिर डोनाल्ड ट्रंप से मिलना-जुलना रहा है। बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की केमिस्ट्री खूब जमी है। दोनों के साथ मोदी की खूब मुलाकात हुई हैं। कई मौकों पर पीएम मोदी के दोनों के साथ गहरे संबंध दिखाई दिए हैं। दोनों के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी अमेरिका गए हैं और दोनों भारत भी आए हैं। इस दौरान दोनों के साथ हुईं मुलाकतों से दिखा है कि पीएम मोदी के बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ कैमिस्ट्री अच्छी है।
ओबामा-ट्रंप के साथ खूब जमी मोदी की दोस्ती
बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर भारत के साथ-साथ पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। दोनों ने पीएम मोदी को अच्छा और शानदार नेता बताया है। पीएम मोदी ने भी कई मौकों पर कहा कि उनके बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ अच्छे और गहरे संबंध हैं। दोनों के साथ मोदी ने आधिकारिक संबंधों के अलावा निजी दोस्ती भी बनाई। 2014 में मोदी जब पीएम बने तो पहले उनकी ओबामा के साथ खूब जमी और 2016 में जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उनके साथ भी केमिस्ट्री अच्छी रही।
भारत के साथ अच्छे संबंधों के पक्षधर बाइडन
बाइडन उसी दल से आते हैं, जिससे ओबामा थे। ऐसे में बाइडन की भी कोशिश भी रहेगी कि मोदी और भारत के साथ संबंधों को उसी तरह से आगे बढ़ाया जाए, जैसा ओबामा कर रहे थे। ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति के रूप में बाइडन का आठ वर्षों के दौरान मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की वकालत करने एक मजबूत रिकॉर्ड है। रिपब्लिकन प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के पारित होने और द्विपक्षीय व्यापार में 500 अरब अमरीकी डालर का लक्ष्य निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने से लेकर बाइडन के भारतीय नेतृत्व के साथ मजबूत संबंध हैं और उनके करीबियों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। बाइडन ने गत जुलाई में एक फंडरेजर में कहा था कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं।