वाशिंगटन। तीन नवंबर को अमेरिकी चुनाव के नतीजे का पटाक्षेप हो चुका है। डेमोक्रेट उम्मीदवार रहे जो बिडेन अब अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। बिडेन ने न केवल जार्जिया पर कब्जा किया बल्कि डोनाल्ड ट्रंप को पीछे छोड़ते हुए पेंसिल्वेनिया अपने नाम कर लिया। इसके साथ ही उन्हें जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट मिल गए। डोनाल्ड ट्रंप को महज 214 इलेक्टोरल वोट हासिल हुए। यह चुनाव अमेरिकी इतिहास में याद रखा जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार आरोप लगाए कि मतगणना में धांधली हो रही है। चुनाव में जीत हासिल होने के बाद उपराष्ट्रपति के लिए नामित कमला हैरिस ने ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया और कहा कि हमने कर दिया। इसके बाद जो बिडेन ने ट्वीट के जरिए अमेरिकी जनता को धन्यवाद दिया और वो कहा है कि समर्थन के लिए शुक्रिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
जो बिडेन की जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ इस तरह बधाई दी। बधाई हो आपकी शानदार जीत पर! वीपी के रूप में, भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में आपका योगदान महत्वपूर्ण और अमूल्य था। मैं भारत-अमेरिका संबंधों को अधिक से अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक बार फिर साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।
डेलावेयर से बने थे सीनेटर
1972 में डेलावेयर से जो बिडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से पहली बार सीनेटर चुने गए थे। अगर कहें को यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 1972 में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के दिग्गज नेता जेम्स कालेब बोग्स को हराया था। सबसे बड़ी बात था कि बोग्स बहुत ही लोकप्रिय थे और उनका सामना करने के लिए कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिल रहा था। जो बिडेन को राजनीति की समझ नहीं थी एक तरह से वो नए थे। डेमोक्रेट्स की तरफ से कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहा था लिहाजा उन पर भरोसा जताया गया।
कुछ ऐसे हैं जो बिडेन
जो बिडेन का पूरा नाम जोसेफ रॉबनेट बिडेन जूनियर है। पेंसिलविनिया राज्य के स्क्रैंटन 20 नवंबर 1942 को उनका जन्म हुआ था। बाइडेन के पिता कैथोलिक आयरिश मूल के थे। बाइडेन की मां का नाम कैथरीन यूजीन फिननेगन था। जो बिडेन कुल तीन भाई और एक बहन थे। जिनमें जो सबसे बड़े थे। बाइडेन के पिता की माली हालत पहले अच्छी नहीं थी। बाद में जब उनके पिता कार सेल्समैन बने तब उनके घर की आर्थिक हालात में कुछ बदलाव हुआ।