'मां ने सिखाया अपनी भारतीय विरासत को जानो, उस पर गर्व करो', अमेरिका में इतिहास रच बोलीं कमला हैरिस

दुनिया
भाषा
Updated Aug 20, 2020 | 15:26 IST

Kamala Harris: कमला हैर‍िस अमेरिका में उपराष्‍ट्रपति पद के लिए उम्‍मीदवार चुनी जाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी और पहली अश्‍वेत महिला बन गई हैं। भारत से उनका करीबी नाता रहा है।

'मां ने सिखाया अपनी भारतीय विरासत को जानो, उस पर गर्व करो', अमेरिका में इतिहास रच बोलीं कमला हैरिस
'मां ने सिखाया अपनी भारतीय विरासत को जानो, उस पर गर्व करो', अमेरिका में इतिहास रच बोलीं कमला हैरिस  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • कमला हैरिस अमेरिका में उपराष्‍ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार चुनी गई हैं
  • पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में उन्‍हें औपचारिक तरीके से इस पद के लिए उम्‍मीदवार चुना गया
  • अपने भाषण में उन्‍होंने मां को याद किया, जो मूल रूप से भारत की रहने वाली थीं

वाशिंगटन : भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी स्वीकार कर ली है और इसी के साथ वह किसी प्रमुख राजनीतिक पार्टी से इस अहम राष्ट्रीय पद का टिकट पाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी और पहली अश्‍वेत महिला बन गई हैं। हैरिस ने इस दौरान अपनी मां को याद किया, जिन्होंने उनमें दूसरों के प्रति करुणा और सेवा भाव रखने जैसे गुण विकसित किए और इन्हीं गुणों ने हैरिस को एक मजबूत काली महिला बनने और अपनी भारतीय विरासत पर गर्व महसूस करने में मदद की।

हैरिस (55) को बुधवार को पार्टी के डिजिटल तरीके से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किया गया था। हैरिस ने अपने स्वीकृति भाषण (ऐक्सेप्टेंस स्पीच) की शुरूआत में अपनी दिवंगत मां श्यामला गोपालन को याद किया और कहा कि वह आज अपनी बेटी की उपलब्धियों को देखने के लिए यहां नहीं हैं। हैरिस ने कहा, 'मेरी मां ने मुझे सिखाया था कि दूसरों की सेवा जीवन को एक मकसद देता है, अर्थ देता है। काश आज वह यहां होतीं, लेकिन मुझे पता है कि वह ऊपर से मुझे देख रही हैं।'

'मां ने विरासत पर गर्व करना सिखाया'

कमला हैरिस की मां का 2009 में कैंसर से निधन हो गया था। उन्होंने कहा, 'मेरी मां ने मेरी बहन माया ने मुझे उन मूल्यों के लिए प्रेरित किया जो हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं। उन्होंने हमें गर्वीली अश्‍वेत महिला के तौर पर बढ़ने में मदद की और उन्होंने हमें अपनी भारतीय विरासत के बारे में जानने और उस पर गर्व करना सिखाया।' हैरिस ने इस दौरान तमिल में कहा, 'मेरे चाचा, मेरे चाचियों- मेरी चिठ्ठियां।'

उन्होंने उम्मीदवारी स्वीकार करते हुए अपने भाषण में उन अश्‍वेत महिलाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की जो उनसे पहले आईं और जिन्होंने देश के लिए लड़ने का प्रण किया था। हैरिस ने कहा, 'चलिए दृढ़ विश्वास के साथ लड़ें, उम्मीद के साथ लड़ें, अपने ऊपर भरोसा रखते हुए और एक दूसरे के लिए प्रतिबद्धता के साथ लड़ें।'

हैरिस ने कहा कि वह अपनी मां के सहारे यहां तक पहुंची हैं। उन्‍होंने कहा, 'एक महिला जो 19 वर्ष की आयु में कैंसर का उपचार ढूंढ़ने का सपना लेकर भारत से यहां आई थीं। बर्कले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में उनकी मुलाकात मेरे पिता से हुई, जो अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने जमैका से आए थे।'

ट्रंप पर विफल नेतृत्व का आरोप

हैरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर विफल नेतृत्व का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'रिपब्लिकन पार्टी के नेता हमारी मुश्किलों को राजनीतिक हथियार बना लेते हैं। डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व की विफलताओं ने लोगों की जिंदगियों को और उनकी आजीविकाओं को नुकसान पहुंचाया है। हमें एक ऐसे राष्ट्रपति का चुनाव करना चाहिए जो कुछ अलग, कुछ बेहतर और महत्वपूर्ण काम करेंगे। एक राष्ट्रपति जो हम सभी को- श्वेत, अश्‍वेत, लातिनी, एशियाई, स्वदेशी लोगों को साथ लाएं और ऐसे भविष्य को पाने के लिए काम करें, जिसे हम सामूहिक रूप से चाहते हैं।'

उन्होंने कहा, 'हमें जो बाइडेन का चुनाव करना चाहिए। मैं जो को उपराष्ट्रपति के रूप में जानती हूं। मैं बाइडेन को प्रचार अभियान से जानती हूं। लेकिन सबसे पहले मैंने उन्हें अपने मित्र के पिता के रूप में जाना था।' बाइडेन और हैरिस तीन नवंबर को होने वाले चुनाव में ट्रंप और उनके उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार माइक पेंस को चुनौती देंगे।

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