नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और महिला अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने कर्नाटक में हिजाब को लेकर मचे बवाल पर अपनी राय व्यक्ति की है। उन्होंने कहा है कि हिजाब में लड़कियों को स्कूल जाने से रोके जाना भयावह है। कम या ज्यादा पहनने के लिए महिलाओं का ऑब्जेक्टिफिकेशन किसी न किसी तरह से जारी रहा।
उन्होंने ट्वीट किया कि 'कॉलेज हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच चयन करने के लिए मजबूर कर रहा है।' लड़कियों को उनके हिजाब में स्कूल जाने से मना करना भयावह है। महिलाओं का ऑब्जेक्टिफिकेशन कम या ज्यादा पहनने पर बना रहता है। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं के हाशिए पर जाने को रोकना चाहिए।
इस पोस्ट पर भाजपा विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में दखल देनी वाला यह MOOLAH कौन है? क्या उसे अपने बुर्के के पीछे नहीं छिपना चाहिए?
हिजाब को लेकर विवाद के चलते कर्नाटक में शुरू हुआ प्रदर्शन मंगलवार को पूरे राज्य में फैल गया। कॉलेज परिसरों में पथराव की घटनाओं के कारण पुलिस को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस मुद्दे के एक बड़े विवाद का रूप धारण कर लेने के बाद, राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों में तीन दिनों के अवकाश की घोषणा की। उडुपी स्थित पूर्व विश्वविद्यालय महाविद्यालय में छात्राओं ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय ने विधायक के कहने पर हिजाब के साथ परिसर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है। प्रधानाचार्य ने तीन फरवरी को अचानक हिजाब पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि सरकार ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है। कर्नाटक के उडुपी के एक स्कूल से उठा हिजाब विवाद न सिर्फ राज्य के दूसरे जिलों में फैल चुका है, बल्कि अब इस पर राष्ट्रीय बहस हो रही है।
स्कूल में हिजाब जरूरी या यूनिफॉर्म? हिजाब के जवाब में भगवा क्यों?
Karnataka Hijab Row: शिमोगा में बवाल, हिजाब वाली छात्रा को लड़कों ने घेरा,स्कूल में फहराया भगवा झंडा