सियोल : दक्षिण कोरिया और जापान के अधिकारियों ने कहा कि उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कम से कम एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। इस महीने यह तीसरी बार है जब उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण किया है। अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के कारण उस पर नयी पाबंदियां लगाई हैं और समझा जाता है कि यह परीक्षण उन्हीं पाबंदियों के जवाब में किया गया है।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि मिसाइल पूर्व की दिशा में दागी गई, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि मिसाइल कहां जाकर गिरी। उन्होंने मिसाइल के बारे में विस्तार से कोई और जानकारी नहीं दी। जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि उन्हें उत्तर कोरिया के इस परीक्षण का पता चला और वह निश्चित रूप से एक बैलिस्टिक मिसाइल है।
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जापान के तट रक्षक ने एक सुरक्षा परामर्श जारी करते हुए कहा कि एक वस्तु संभवतः गिरी थी। तट रक्षक ने कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के साथ-साथ पूर्व चीन सागर और उत्तर प्रशांत के बीच मौजूद जहाजों से आग्रह किया है कि वे 'आगे दी जाने वाली जानकारी पर नजर बनाए रखें।'
बाइडन प्रशासन ने बुधवार को उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के जवाब में उसके मिसाइल कार्यक्रमों के लिए उपकरण और प्रौद्योगिकी प्राप्त करने में भूमिका को लेकर पांच उत्तर कोरियाई लोगों पर प्रतिबंध लगाया। बाइडन प्रशासन ने यह भी कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र से नए प्रतिबंधों की मांग करेगा।
इससे पहले उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा था कि उसके नेता किम जोंग उन ने हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण का अवलोकन किया और दावा किया कि इस परीक्षण से देश की परमाणु 'युद्ध से बचाव' की क्षमता में इजाफा होगा।
उत्तर कोरिया के आधिकारिक 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कथित हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण को सही ठहराया और इसे आत्मरक्षार्थ अभ्यास बताया। मिसाइल दागे जाने के कुछ घंटे पहले उत्तर कोरिया ने एक बयान जारी कर इस महीने के पहले के मिसाइल परीक्षणों को लेकर बाइडन प्रशासन की तरफ से लगाई गईं नयी पाबंदियों की निंदा की। उत्तर कोरिया ने आगाह किया कि अगर अमेरिका टकराव वाला रुख बरकरार रखता है तो वह और कदम उठाएगा।