Covid महामारी की वजह से बंद हुए स्कूल, तो यहां तेजी से प्रेग्नेंट होती बच्चियों ने बढ़ाई सरकार की चिंता

दुनिया
किशोर जोशी
Updated Jan 13, 2022 | 15:17 IST

देश ही नहीं दुनिया भी इस समय कोरोना महामारी की चपेट में है और कई देश इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अफ्रीकन देश जिम्बाब्वे में इस बीमारी की वजह से कई समस्याएं पैदा हो गई हैं।

Know How Covid lockdown increased teenage pregnancies in Zimbabwe
Covid के कारण बंद हुए स्कूल,तेजी से प्रेग्नेंट हुईं बच्चियां  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन से वैश्विक स्तर पर प्रभावित हुए लोग
  • ज़िम्बाब्वे में कोविड लॉकडाउन से लोगों के सामने पैदा हुआ कई तरह का संकट
  • ज़िम्बाब्वे में ही करीब 5000 बच्चियां स्कूल बंद होने के बाद हुई गर्भवती

नई दिल्ली: कोरोना महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और छोटे देश तो इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अफ्रीकी देश ज़िम्बाब्वे ने बीमारी की वजह से जब 6 महीने के सख्त लॉकडाउन लगाया तो इससे न केवल लोगों की परेशानियां बढ़ीं बल्कि बड़ी संख्या में बच्चियों के प्रेग्नेंट होने के मामले भी सामने आए। इस तरह के मामले आने के बाद सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं।

13 साल की वर्जीनिया की स्टोरी

ग्रामीण जिम्बाब्वे के मुरेहवा में दो कमरों के घर में दिन की शुरुआत जल्दी होती है। एक 13 वर्षीय मां वर्जीनिया अपने माता-पिता के साथ राजधानी हरारे से लगभग 80 किलोमीटर (50 मील) उत्तर पूर्व के इलाके में रहती है। जब उसका तीन महीने का बच्चा रोता है, तो माँ के पास बच्चे को शांत करने के लिए बहुत कम समय होता है क्योंकि वह घर के काम करने की कोशिश करती है। यह 13 वर्षीय मां कुछ समय पहले तक स्कूल जाती थी लेकिन उसकी जिदंगी में उस समय भूचाल आ गया जब उसे पता चला की वह प्रेग्नेंट है।  ऐसे समय में जब उसके पूर्व सहपाठी स्कूल जाते हैं तो यह 13 वर्षीय मां केवल अपने दम पर अध्ययन कर सकती है और अपने छोटे भाई-बहनों स्कूल जाने के लिए तैयार होने में मदद कर सकती है।

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5 हजार बच्चियों ने छोड़ा स्कूल

वह उस क्षण को याद करती है जब उसने मार्च 2021 में स्कूल जाना बंद कर दिया था, वह बताती हैं, 'मेरी शिक्षिका मुझसे पूछने के लिए मेरे घर आई और मैंने स्वीकार किया कि मैं गर्भवती थी और स्कूल वापस नहीं आ रही थी, इसलिए उन्होंने स्कूल के रजिस्टर से मेरा नाम हटा दिया।' ज़िम्बाब्वे में पिछले सितंबर में स्कूल फिर से खुल गए, लेकिन उससे पहले ही वर्जीनिया की तरह गर्भवती होने वाली कम से कम 5,000 नाबालिग स्कूली लड़कियों ने स्कूल छोड़ दिया। माना जाता है कि महिला मामलों के मंत्रालय ने आंकड़ों को कम करके आंका है।

वर्जीनिया के साथ हुआ धोखा!

वर्जीनिया ने बताया कि उसे उम्मीद थी कि जिस वृद्ध व्यक्ति ने उसे गर्भवती किया है, वह उससे शादी करेगा। शुरुआती वादों के बावजूद,उसने बाद में बच्चे को अपनाने से इनकार किया। ज़िम्बाब्वे के कानून में सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 साल होने के बावजूद वर्जीनिया और उसके परिवार ने पुलिस में रेप की शिकायत नहीं की। हालाँकि वर्जीनिया की माँ उस समय पुलिस के पास गई जब उसे गर्भावस्था के बारे में पता चला, लेकिन उस आरोपी को बाद को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

एक नए भविष्य का निर्माण

सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन से देश में गरीबी को बढ़ाया और कई लड़कियों तक गर्भ निरोधक नहीं पहुंच सके जिस वजह से अनपेक्षित गर्भधारण में भारी वृद्धि हुई। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्रालय में संचार निदेशक तौंगाना नदोरो बताते हैं, 'हमारे यहां बहुत सी लड़कियां हैं जो COVID-19 लॉकडाउन के कारण गर्भवती हो गई हैं। लेकिन फिर भी हमारे पास जो नीति है, उसके मुताबिक बच्चियों को स्कूल वापस आने की अनुमति मिलती है, हम इन शिक्षार्थियों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए स्कूल वापस आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश में सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम चला रहे हैं।'

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