उत्तरी इंग्लैंड में उपचुनाव होने जा रहा है और जीत हासिल करने के लिए कंजरवेटिव पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया है और इसकी वजह से लेबर पार्टी निशाना साध रही है। लेकिन प्रवासी भारतीय समूहों ने लेबर पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और कहा कि विपक्षी लेबर पार्टी विभाजनकारी और भारत विरोधी है। वेस्ट यॉर्कशायर में बाटली और स्पेन में बृहस्पतिवार को होने वाले उप-चुनाव के प्रचार के दौरान प्रचार सामग्री पर मोदी की 2019 में जी- 7 शिखर सम्मेलन में कंजरवेटिव पार्टी के नेता व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ हाथ मिलाते हुए तस्वीर छपी है।
जानसन और मोदी की साक्षी तस्वीर पर हंगामा
टोरी सांसद रिचर्ड होल्डन ने ट्विटर पर इसकी एक तस्वीर पोस्ट की तो सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिएक्शन आने लगे। लोगों ने उनसे पूछा कि क्या इसका मतलब यह है कि लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टार्मर को भारतीय प्रधानमंत्री के साथ हाथ मिलाते हुए नहीं देखा जाना चाहिए। भारतीय समुदाय के संगठन कन्जरवेटिव फ्रैंड्स ऑफ इंडिया ने कहा कि प्रिय कीर स्टार्मर, क्या आप इस प्रचार सामग्री की व्याख्या कर सकते हैं और स्पष्ट कर सकते हैं कि क्या लेबर पार्टी का कोई प्रधानमंत्री या राजनेता दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ कोई संबंध रखने से इनकार करेगा? क्या ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के 15 लाख से अधिक सदस्यों के लिए आपका यह संदेश है।
लेबर पार्टी ने की घेरेबंदी
इस प्रचार सामग्री को लेकर लेबर पार्टी के नेताओं के बीच भी आक्रोश है। लेबर फ्रैंड्स ऑफ इंडिया (एलएफआईएन) न इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।एलएफआईएन ने एक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लेबर पार्टी ने अपनी लीफलेट पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और ब्रिटेन के सबसे करीबी दोस्तों में से एक भारत के प्रधानमंत्री की 2019 के जी-7 सम्मेलन की एक तस्वीर इस्तेमाल की है। लेबर पार्टी ने कहा कि देश के चुनाव में किसी बाहरी शख्स की तस्वीर का क्या अर्थ है।